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बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा

आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं।

Published: December 26, 2021 07:36:12 am

आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं। जयपुर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर होड़ सी मची है। यहीं कारण है वर्तमान में अब तक जयपुर में करीब एक लाख लोगों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है और यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बात अगर पूरे भारत की करें तो करीब 2 करोड़ लोग भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है। जयपुर के एक लाख लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 करोड़ का निवेश कर रखा है।

युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो
करोड़पति युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो बन चुका है, अमेरिका में अधिकांश युवा करोड़पति अपना पैसा, क्रिप्टो करेंसी में ही लगा रहे हैं, दुनिया के कई और देशों में भी इसी तरह का चलन देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ देश इसे कानूनी मान्यता भी दे चुके हैं, जबकि भारत में अभी तक क्रिप्टो का भविष्य साफ नहीं है, बावजूद इसके, लोग इसमें बिना डर पैसा लगा रहे हैं।

क्रिप्टो के विरोध में आरबीआई हमेशा से
वैकल्पिक मुद्राओं को मान्यता देने के विरोध में आरबीआई हमेशा से अडिग रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन इसने क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय नहीं बदली है।

क्यों बना हुआ डर.
इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी इसे जारी नहीं करती है। इसके अलावा टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग, इनसोल्वेंसिंग कोड, पेमेंट सिस्टम, निजता और डाटा प्रोटेक्शन भी बड़ी चुनौतियां होंगी।

घोटालों की संख्या बढ़कर 3300 हुई
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में सक्रिय वित्तीय घोटालों की संख्या 2020 के 2052 के आंकड़े से बढ़कर 3300 हो गई है। दुनिया की लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम और बिटकॉइन के मूल्य में वृद्धि के साथ इनमें निवेश करने वाले निवेशकों के साथ घोटाले होने की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।

क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है।

क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे। इनकी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के सार्वजनिक और केंद्रीय बैंक साथ-साथ चल सकते हैं। पूरी दूनिया में इसका चलन बढ़ रहा है। अगर भारत में इसपर बैन लगता है, तो हम एक बार फिर डिजिटल रूप में दूनिया से पीछड़ जाएंगे।
आयुष अग्रवाल, एडवाइजर, क्रिप्टो

क्रिप्टो एक्सचेंज पॉइंट नो यॉर कस्टमर (केवाईसी) इक_ा करके इसकी लेन-देन सिर्फ बैंक अकाउंट के जरिए कर सकते हैं। इस तरीके से कुछ बुरे तत्व इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि ब्लॉकचेन तकनीक में यह सार्वजनिक पारदर्शिता की व्यवस्था कर पाएगा।
अशोक जालान, विशेषज्ञ, इक्विटी बाजार

2021 की टॉप क्रिप्टोकरेंसी जिसने 51,000% तक का दिया शानदार रिटर्न, 2022 में ये टोकन करेगा जादू!

Cryptocurrency- साल 2021 क्रिप्टो मार्केट (Crypto market) के लिए बेहद ही खास रहा। रिटर्न देने के मामले में कुछ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिया। डिजिटल टोकन ने इस साल 30.

2021 की टॉप क्रिप्टोकरेंसी जिसने 51,000% तक का दिया शानदार रिटर्न, 2022 में ये टोकन करेगा जादू!

Cryptocurrency- साल 2021 क्रिप्टो मार्केट (Crypto market) के लिए बेहद ही खास रहा। रिटर्न देने के मामले में कुछ क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिया। डिजिटल टोकन ने इस साल 30 बिलियन डॉलर का निवेश देखा और इस साल क्रिप्टो मार्केट 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। विभिन्न बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 15 मिलियन भारतीय रिटेल निवेशकों ने लगभग 6.6 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ डिजिटल टोकन पर दांव लगाया है। चालू कैलेंडर वर्ष में लगभग 90 प्रतिशत घरेलू रिटेल निवेशकों को जोड़ा गया। मार्केट जानकारों का कहना है कि भारत में इस तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है।

क्रिप्टो का चलन तेजी से बढ़ रहा है
क्रॉसटावर इंडिया के सीईओ विकास आहूजा ने कहा, "भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अनिश्चितताओं के बावजूद, डिजिटल संपत्ति की दर इंटरनेट की तुलना में लगभग दोगुनी तेजी से बढ़ रही है।" अक्टूबर 2021 में जारी Chainalysis की रिपोर्ट के अनुसार, भारत डिजिटल अपनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। वहीं, क्रिप्टो अपनाने में भारत को 154 देशों में से 11 वें स्थान पर है। बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन मुड्रेक्स के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल ने कहा कि इस साल क्रिप्टोकुरेंसी निवेशकों के लिए रोलर-कोस्टर सवारी की रही है। इस साल मीम्स कॉइन और मेटावर्स क्रिप्टोकरेंसी बाजार में टॉप buzzwords थे।

कैसा रहा इस साल क्रिप्टो का प्रदर्शन?
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन इस साल काफी समय तक सीमित रहा। मुड्रेक्स के आंकड़ों के अनुसार, गाला (GALA) लगभग 51,000 प्रतिशत रिटर्न के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है। एक्सी इन्फिनिटी (एएक्सएस) में करीब 19,000 फीसदी की तेजी आई है, जबकि सैंडबॉक्स (सैंड) में 15,000 फीसदी की तेजी आई है। एक्सचेंज के आंकड़ों में कहा गया है कि पॉलीगॉन (MATIC), टेरा (LUNA), सोलाना (SOL), फैंटम (FTM), कडेना (KDA), हार्मनी (ONE) और Decentraland (MANA) ने 2021 में 5,000 और 13,000 प्रतिशत के बीच रैली की। आहूजा ने कहा, "हमारे आंकड़ों से टेरा (लूना) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा, क्योंकि इसने निवेशकों को लगभग 15,000 फीसदी का रिटर्न दिया।"बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

देखें ये चार्ट

बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन
क्रिप्टोकरेंसी 1 साल में रिटर्न (2021)
GALA 50,829%
AXS 18,966%
MATIC 14,629%
LUNA 11,558%
SOL 10,118%
FTM 8,966%
KADENA 8,131%
ONE 4,464%
MANA 4,397%


भविष्य में ये टोकन करेगा कमाल
अन्य टोकन जिन्होंने निवेशकों को मोटा रिटर्न दिया, वे थे बिनेंस कॉइन (बीएनबी), सोलाना (एसओएल) और पॉलीगॉन (मैटिक), जिन्होंने साल-दर-साल आधार पर 1,000-13,000 प्रतिशत का रिटर्न दिया। जानकारों की मानें तो छोटे मार्केट कैप लेकिन बेहतर फंडामेंटल वाले टोकन भविष्य के लिए सबसे अच्छे विकल्प होंगे। 2022 में निवेशकों को हेडेरा (HBAR), अल्गोरंड (ALGO), हार्मनी (ONE), फैंटम (FTM), सैंडबॉक्स (SAND), पैनकेक स्वैप (CAKE), रेंडर टोकन (RNDR), पॉलीगॉन (MATIC) और Decentraland पर नजर रखनी चाहिए।

भविष्य के लिए दृष्टिकोण
भारत के अलावा, दुनियाभर में क्रिप्टो को रेगुलेट करने पर काम किया जाएगा और आने वाले सालों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन और ज्यादा मच्योर होगा। नियामक दिशानिर्देशों के साथ, निवेशक अपने पैसे का निवेश करने में अधिक सहज होंगे और कंपनियां क्रिप्टो और ब्लॉकचैन कारोबार को शुरू करने में अधिक सहज होंगी। बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

सरकार के लिए क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या फिर पूरी तरह से बैन करना कितना आसान? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह से क्लियर हो चुका है. लेकिन, एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर हमें ग्लोबल लेवल पर मुकाबला करना है तो सरकार को रेगुलेशंस लाना चाहिए.

सरकार के लिए क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या फिर पूरी तरह से बैन करना कितना आसान? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान

Updated on: Nov 24, 2021 | 2:15 PM

दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)का चलन बढ़ रहा है. लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह से क्लियर हो चुका है. लेकिन अगर आप अब भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो पहले ही जान लीजिए कि, भारत सरकार ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने की तैयारी कर ली है.

वहीं, सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने का ऐलान भी कर दिया है. जिसपर फिलहाल सबकी निगाहें रहने वाली है, खासकर उन लोगों की जिन बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन लोगों को क्रिप्टो में निवेश करने में दिलचस्पी है. लेकिन आज सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या सरकार के लिए क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या फिर पूरी तरह से बैन करना आसान है?

क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या बैन करना कितना आसान?

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले ही दो पार्ट में लोग बंट गए है, पहले हिस्से में वो लोग बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन है जिन्हें लगता है कि क्रिप्टो को पूरी तरह से बैन कर दिया जाना चाहिए और इसमें निवेश करना एक अच्छा विकल्प नहीं है. लेकिन वहीं दूसरा हिस्सा वो है, जो क्रिप्टो में निवेश करने में रुचि रखते हैं और चाहते है कि सरकार इसे बेशक रेगुलेट कर लें, लेकिन बैन नहीं किया जाना चाहिए. अब इस स्थिति में सरकार इसके बीच का कोई विकल्प खोजने की कोशिश जरूर कर रही होगी, लेकिन वो क्या होगा, सबसे पहले जानते है क्रिप्टो क्या है?

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. अगर साधारण शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश (Digital Money)प्रणाली है. ये आपके हाथों में नहीं है लेकिन आप इसे रख सकते हैं. यानी की ये रुपये और पैसों की तरह आपकी जेब में नहीं होती, लेकिन यह पूरी तरह से ऑनलाइन है. और यह काफी बड़ी टैक्नोलॉजी है, जिसे कुछ लोग समझते है, लेकिन एक बड़ी संख्या आज भी ऐसी है, जिसे इस बारे में कोई नॉलेज नहीं है.

क्रिप्टो करेंसी रेगुलेट किया जा सकता है- एक्सपर्ट्स

अगर चाहे तो भारत में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट किया जा सकता है, क्योंकि कई देश जैसे- सिंगापुर और US क्रिप्टो को रेगुलेट कर रहे हैं. इसलिए रेगुलेशन पॉसिबल है. आज के दौर में कई ऐसी टैक्नोलॉजी है, जिसका कहीं अच्छा तो कही गलत इस्तेमाल हो रहा है, ऐसे में उन्हें बंद करने की बजाय यह तय करना कि उसे रोका कैसे जा सकता है, यह अहम है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर हमें ग्लोबल लेवल पर मुकाबला करना है और गूगल, फेसबुक जैसे कंपनी बनानी है तो सरकार को रेगुलेशंस लाना चाहिए. जिससे इसका गलत इस्तेमाल करने पर कंट्रोल किया जा सके और सही यूज के लिए प्रोत्साहन दें. इसके अलावा एक्सपर्ट्स में भी इस बात पर सहमति बनी है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन के बजाय इसे रेगुलेट करने की जरूरत है.

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस साल दिया 123% तक का रिटर्न, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

बिटकॉइन की कीमतों में अपने उच्च स्तर से 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट दिख रही है। डाऊ जोंस समेत अन्य शेयर बाजारों में गिरावट का भी असर क्रिप्टोकरेंसी पर असर दिख रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस साल दिया 123% तक का रिटर्न, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉप्युलर क्रिप्टोकरेंसी है। इस साल बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त कमाई कराई है। लेकिन बीते कई महीनों से बिटकॉइन की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इसका कारण कई देशों की सरकारों की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण लगाने और इसकी माइनिंग पर उठे सवाल हैं।

इस साल की शुरुआत के पहले चार महीनों में बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। 1 जनवरी 2021 को बिटकॉइन की कीमत 29,001 डॉलर प्रति यूनिट थी। यह 14 अप्रैल 2021 को अपने उच्चतम स्तर 64,863 डॉलर प्रति यूनिट पर पहुंच गई थी। यानी इसने अपने निवेशकों को 1 जनवरी से 14 अप्रैल 2021 के दौरान 123% का रिटर्न दिया था। अप्रैल में अमेरिका की कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने बिटकॉइन में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था। इससे अन्य निवेशकों में भरोसा जगा था और बिटकॉइन की मांग बढ़ी थी। इसी वजह से बिटकॉइन की कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंची थीं।

अप्रैल के बाद हो रही लगातार गिरावट: 14 अप्रैल को उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बिटकॉइन की कीमतें लगातार गिर रही हैं। अब तक बिटकॉइन की कीमतों में 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। मंगलवार को दोपहर करीब 12.30 बजे बिटकॉइन की कीमत 6.22% की गिरावट के साथ 29,831.70 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रही थी। इसके साथ ही बिटकॉइन के मार्केट कैप में भारी कमी दर्ज की गई है। अप्रैल में बिटकॉइन का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। अब यह 55 हजार करोड़ डॉलर के पास आ गया है।

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इस वजह हो रही गिरावट: अभी क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं है। गिन-चुने देशों ने ही इसे मान्यता दी है। दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ रहा है। इस कारण हाल के दिनों में दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम बनाने में जुटी हैं। भारत समेत कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसका निवेशकों पर बुरा असर पड़ रहा है। बैन की आशंका को लेकर निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में लगे निवेश को निकालने में जुटे हैं। इस कारण इसमें गिरावट हो रही है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क कई बार बिटकॉइन की माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली एनर्जी पर सवाल उठा चुके हैं। इसका भी नेगेटिव असर हो रहा है। अमेरिका के डाऊ जोंस समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में होने वाली उठापटक का भी क्रिप्टोकरेंसी पर असर पड़ता है।

अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल: ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन को ही गिरावट बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन का सामना करना पड़ रहा है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथेरियम, इथेरियम क्लासिक, बिनाका कॉइन, डॉगक्वाइन समेत अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट आ रही है। मंगलवार को इथेरियम 7.86% की गिरावट के साथ 1762 डॉलर प्रति यूनिट, टीथर 0.02% की गिरावट के साथ 1 डॉलर प्रति यूनिट, बिनाका कॉइन 12.03% की गिरावट के साथ 266 डॉलर प्रति यूनिट, डॉगक्वाइन 7.58% की गिरावट के साथ 0.1662 डॉलर प्रति यूनिट, इथेरियम क्लासिक 7.18% की गिरावट के साथ 39.06 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रही हैं।

ऐसे कर सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश: आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की वेबसाइट के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। सबसे पहले आपको एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आप किसी भी तरीके से भुगतान करके क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं। सभी एक्सचेंज अपने ग्राहकों से कमीशन लेते हैं। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले एक्सचेंज कमीशन की अच्छी तरह से जांच कर लें। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने देश के नियम-कानूनों की भी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। इसके जरिए लेन-देन भी किया जा सकता है। पूरी दुनिया में इस समय करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी हैं। बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनका कुल निवेश 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।

चाय का पेमेंट लेते हैं बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन क्रिप्टोकरेंसी में, ख़ुद को बताते हैं क्रिप्टो की दुनिया का 'राकेश झुनझुनवाला'

चाय का पेमेंट लेते हैं क्रिप्टोकरेंसी में, ख़ुद को बताते हैं क्रिप्टो की दुनिया का 'राकेश झुनझुनवाला'

दुनियाभर में यूं तो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय बना हुआ है लेकिन इसका चलन भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. हाल ही में देश की स्टार्टअप नगरी बेंगलुरु में एक कॉलेज ड्रॉपआउट के कारनामे ने सब का ध्यान खींचा है. शुभम सैनी नाम के युवा ने The Frustrated Drop Out नाम से चाय की दुकान शुरू की है. दिलचस्प बात ये है कि आप यहां चाय पीने के बाद, पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में भी कर सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 22 वर्षीय शुभम सैनी ने अपनी चाय की स्टाल पर क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया. यह तब हुआ, जब ग्राहकों ने खुद बिटकॉइन जरिए चाय का पेमेंट करने की पेशकश की.

ग्राहकों के इस तरीके ने शुभम सैनी को भी हैरान कर दिया. क्योंकि वह खुद क्रिप्टोकरेंसी के प्रति उत्साही हैं. सैनी ने बताया कि, "कोई भी ग्राहक जो भुगतान करना चाहता है, उसे यूपीआई की तरह ही क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, INR को डॉलर में बदलना होगा और फिर क्रिप्टो में भुगतान करना होगा."

शुभम सैनी हरियाणा के रेवाड़ी से नौकरी की तलाश में बेंगलुरु पहुंचे और यहां उन्हें क्रिप्टो मार्केट के बारे में जाना. 2020 में बाजार में 60 प्रतिशत की गिरावट आई, कई अन्य निवेशकों की तरह सैनी ने अपनी सारी पॉकेट मनी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में लगा दी. उन्होंने कहा, "मैंने 1.5 लाख रुपये का निवेश किया था और कुछ ही महीनों में मैंने अपने पोर्टफोलियो में 1000 फीसदी का उछाल देखा. जल्द ही मेरा क्रिप्टो वॉलेट बढ़कर 30 लाख रुपये हो गया. यह मेरे लिए एक बड़ी बात थी."

इतना अच्छा मुनाफा देखते हुए, उन्होंने माता-पिता से पैसे मांगना बंद कर दिया, यहां तक ​​कि अपने कॉलेज की फीस भी खुद ही भरने लगे और एक शानदार जीवन जीने लगे. इसके साथ ही उन्होंने आखिरी सेमेस्टर में कॉलेज छोड़ दिया और क्रिप्टो ट्रेडिंग में पूरी तरह से डूब गए.

शुभम बिट्कॉइन में ट्रेडिंग के बाद जमीन से आसमान को छूने और फिर जमीन पर गिरने की अपनी कहानी भी बताते हैं.

हालांकि, अगले साल जैसे ही बाजार नीचे आया, सैनी के क्रिप्टो पोर्टफोलियो में 90% की गिरावट आई. उन्होंने बताया, "मैं वापस वहीं आ गया, जहां से मैंने शुरू किया था. 30 लाख रुपए से सीधा 1 लाख रुपए पर. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक रात, मेरे जीवन में इतना कुछ बदल सकती है."

उन्होंने आगे कहा, "अब यह स्वाभिमान की बात थी. जैसा कि मैंने तेजी से पैसा बनाने के लिए ऑनलाइन साधन खोजे, अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था."

इस घटना ने शुभम को कुछ और करने के लिए मजबूर कर दिया. शुभम को अपना आईफोन बेचना पड़ा. अपने घर वालों से उन्होंने पैसे नहीं लिए. इसके बाद माराथल्ली में चाय का स्टॉल खोला और इसके बाद P2P पेमेंट प्लेटफॉर्म का आइडिया आया. जब ग्राहकों ने पहली बार बिटकॉइन के जरिए अपनी चाय की कीमत चुकाने की कोशिश की, तो वह हैरान भी था और परेशान भी. चाय जैसी साधारण चीज़ खरीदने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल करने की लोकप्रियता ने उनके इस काम को बढ़ने में मदद की है. सैनी का दावा है कि औसतन, हर हफ्ते कम से कम 20 नए ग्राहक अपनी पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं. उन्होंने बताया है कि वह क्रिप्टो पेमेंट लेने के लिए पैक्सफुल क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें लगने लगा कि वे क्रिप्टो की दुनिया के अगले राकेश झुनझुनवाला हैं. क्रिप्टो ने फिर से शुभम की जिंदगी बदलकर रख दी है.

आपको बता दें कि इससे पहले 26 साल के मैकेनिकल इंजीनियर तैयब शफीक ने ब्रिटेन का पहला ऐसा कैफे लॉन्च किया था जो 7 तरह की क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करता है. इस कैफे का नाम चाय अड्डा है. बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े कॉइन की गैस फीस और ट्रांजैक्शन फीस को कम करने के लिए, तैयब अपने ग्राहकों को रिपल, लाइटकॉइन, डॉजकॉइन और शीबाइनू में भी पेमेंट का ऑप्शन देते हैं।

शफीक ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करने के बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन लिए उन्होंने एक ऐप डेवलप कराया है. उन्होंने कहा, डिजिटल करेंसी अपने डिसेंट्रेलाइज्ड नेचर के कारण फ्यूचर की करेंसी है. आने वाले दिनों में विभिन्न ब्रांड और आउटलेट भी डिजिटल करेंसी अपनाएंगे.

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