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निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
क्रेडिट रिस्क फंड किसकी श्रेणियों में से एक है?म्यूचुअल फंड्स भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा पेश किया गया (सेबी) अक्टूबर 2017 को। सरल शब्दों में, क्रेडिट रिस्क फंड एक प्रकार हैं यदिडेट फंड जो कॉर्पोरेट में निवेश करते हैंबांड और वाणिज्यिक पत्र। ये फंड मूल रूप से कम रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं जो भविष्य में रेटिंग में सुधार देख सकते हैं। सेबी की परिभाषा के अनुसार, क्रेडिट रिस्क स्कीम एए और उच्च रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड से नीचे में निवेश करेगी।

Investment Tips: Mutual Fund में SIP के जरिए निवेश करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, न करें ये गलतियां

Investment Tips: अगर आप सिप में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें क्योंकि जानकारी की कमी की वजह से कई निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 01 Oct 2021 11:13 PM (IST)

SIP Investment Tips: सिस्‍टेमैटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लान यानी सिप (SIP) के जरिए म्‍यूचुअल फंड्स में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक पैसा बना रहे हैं. अगर आप सिप में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें क्योंकि जानकारी की कमी की वजह से कई निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं और लाभ की जगह नुकसान उठाना पड़ जाता है. आज हम आपको 5 ऐसी गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो निवेशक अक्सर सिप में पैसा लगाते वक्त करते हैं.

वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट न होना

  • अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए.
  • अगर आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट नहीं है तो आप गलत फंड चुन सकते हैं.

ग्रोथ के बजाय डिविडेंड प्‍लान चुनना

  • ग्रोथ प्‍लान के बजाय डिविडेंड प्‍लान को तरजीह देना ठीक नहीं है.
  • ऐसा करने वाले निवेशकों को लगता है कि जब म्‍यूचुअल फंड डिविडेंड की घोषणा करेगा तो उन्‍हें मोटी कमाई होगी.
  • यह बात ज्यादातर निवेशकों को नहीं पता होती कि म्‍यूचुअल फंड्स अपनी असेट्स अंडर मैनेजमेंट से ही डिविडेंड का भुगतान करते हैं. इससे भुगतान किया गया डिविडेंड एनएवी से घट जाता है. वहीं, डिविडेंड की गणना फंड की फेस वल्‍यू पर की जाती है, ना कि एनएवी के आधार पर.
  • यह बात भी ध्यान रखें कि ग्रोथ प्‍लांस में निवेशकों को टैक्‍स छूट के मामले में भी ज्‍यादा फायदा मिलता है.

बाजार जब नीचे आ रहा हो तो ये गलती न करें

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  • कई निवेशक बाजार नीचे आने पर सिप को रोक देते हैं और जब बाजार ऊपर जाता है तो निवेश शुरू करते हैं.
  • लेकिन ऐसा करना गलत है और यह निवेश के बुनियादी सिद्धांत बाय लो एंड सेल हाई के बिल्कुल उल्ट है. आप गिरते बाजार के समय भी निवेश जारी रखकर इस गलती से बच सकते हैं.
  • बाजार की चाल पर ध्यान न दें बल्कि निवेश अवधि के साथ मेल खाते फंड्स की कैटेगरी में इनवेस्ट करें. इस तरह आप सही फंड चुन सकते हैं.

बार-बार बदलाव न करें

  • लगातार अपने पोर्टफोलियो में एडजस्ट न करें.
  • किसी दूसरों की देखा-देखी शेयर्स की खरीद-बिक्री न करें. ऐसा नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि हर किसी के वित्तीय लक्ष्य और स्थितियां अलग होती हैं.
  • बहुत से लोग फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है. हमेशा ध्यान रखें कि फंड का रिटर्न बदलता रहता है.
  • फंड का मूल्य हर तिमाही में बदलता है. फंड्स को चुनने से पहले आपको अन्य मानकों का संदर्भ भी लेना चाहिए.

कम एनएवी को ना मानें सस्‍ता फंड

  • कम एनएवी (नेट एसेट वैल्‍यू) को सस्‍ते फंड के तौर पर नहीं लेना चाहिए.
  • फंड की एनएवी ज्‍यादा या कम होने के कई कारण हो सकते हैं.
  • निवेशकों को म्‍यूचुअल फंड में सिप के जरिए निवेश करते समय उसकी एनएवी पर ज्‍यादा जोर न दें.
  • निवेशकों को फंड के पिछले प्रदर्शन पर ध्‍यान देना चाहिए. साथ ही उसकी भविष्‍य की योजनाओं पर फोकस करना चाहिए.

(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्ही भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)

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Published at : 01 Oct 2021 11:13 PM (IST) Tags: ABP News Mutual Funds SIP mutual fund calculator monthly sip annual sip हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

शेयरों में निवेश करते वक्त इन 10 बातों का रखें ध्यान

इन 10 नुस्खों से शेयरों का वैल्यूएशन और उनका टार्गेट प्राइस निर्धारित करना सरल हो जाता है.

शेयरों में निवेश करते वक्त इन 10 बातों का रखें ध्यान

1. जटिलता से बचें
वैलेन्टाइन का कहना है, "हम यहां कोई रॉकेट साइंस पर काम नहीं कर रहे हैं. जटिलता हमारा साथी नहीं है. चींजे जितनी जटिल होंगी, उतना ही गलती होने का आसार या संभावनाएं बनी रहेंगी."

2. सही आंकलन
वैलेन्टाइन के लिए अनुसार, सही आंकलन निकालना जरूरी है. किसी शेयर में पहले किस तरह की खबरों से उतार-चढ़ाव आया और किन कारणों से वह आगे बढ़ रहा है. इन सवालों के जबाव के लिए स्किल जरूरी है. बाजार निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें सेंटिमेंट में बह जाना काफी सरल है.

3. मुख्य बातों पर रखें फोकस
वैलेन्टाइन के अनुसार, इससे दो प्रमुख सवालों के जवाब मिलते हैं. पहला कि किस कारण से शेयर की दिशा में बदलाव आ सकता है और दूसरा कि कहां इस तरह के कारणों की जानकारी मिल सकती है.

4. कंपनी प्रबंधन से नहीं मिलेगी खास जानकारी
वैलेन्टाइन कहते हैं, "विश्लेषण के सर्वश्रेष्ठ नतीजे विशेष जानकारी पर निर्भर करते हैं. कंपनी प्रबंधन से मिली जानकारी इस श्रेणी में नहीं रखी जा सकती है." उन्होंने कहा कि कंपनी से जितनी कम बात होगी, उतनी बेहतर सफलता आपको हासिल होगी.

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5. इस तरीक से करें शुरुआत
कन्सेन्सस प्रक्रिया से वैल्यूएशन निकालना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. इसमें डीसीएफ, पीई, एबिड्टा आदि पर गौर करें. वैलेन्टाइन के अनुसार, शुरुआत के लिए यह सही तरीका है. इसके अलावा दूसरे विकल्पों से तस्वीर साफ होती है.

6. स्ट्रेस टेस्ट को न भूलें
उन्होंने कहा, "हमे यह सोचना होगा कि हम कहा गलत हो सकते हैं. यदि हम भविष्य सही बता पाएंगे, तो वैल्यूएशन की जरूरत ही खत्म हो जाएगी." अपनी बेस कीमत के आधार पर तेजी या गिरावट की स्थिति में शेयर का बर्ताव देखना जरूरी होता है. यह अधिक जटिल नहीं होना चाहिए.

7. क्यों हैं आप अलग
यह समझना जरूरी है कि आपकी वैल्यूएशन अलग क्यों हैं. क्या यह गलत तरीके के वजह से अलग है या फिर शेयर में विश्वास की चलते यह बेहतर है. वैलेन्टाइन ने कहा कि जब तक वजह बड़ी न हो, तब तक कीमतों में अधिक बदलाव नहीं होगा. इसलिए वैल्यूएशन में बार-बार बदलाव होता है.

8. शेयर की खासियत
यह जानना जरूरी है कि आप किसी शेयर की वैल्यूएशन क्यों कर रहे हैं. क्या वह खरीदने के संकेत दे रहा है या उस पर बिकवाली का दबाव है. कंपनी अपनी स्थिति के बारे में क्या कहती है. इन बातों पर ध्यान देने पर काफी मदद मिलती है. बाजार में अपनी उम्मीदों को तथ्यों पर हावी होने का मौका न दें.

9. दिमागी जंजाल से बचें
विश्लेषण के दौरान अपनी गलतियों और दिमागी जंजाल से बचने की जरूरत है. भावनात्मक होकर फैसले न लें. कभी-कभार किसी शेयर के प्रति अत्यधिक विश्वास का खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है. तटस्थ रहना जरूरी है. ध्यान रखें कि हर शेयर के बारे में कई मत हो सकते हैं.

10. चुनिंदा शेयर पर ही करें गौर
एक साथ सभी शेयरों पर ध्यान दे पाना निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें संभव नहीं है. अपने लिए सेक्टर्स का चयन करें और फिर उसमें से शेयरों की छंटाई करें. वैल्यूएशन के दौरान यह ध्यान में रखें कि चयनित शेयर आपके पोर्टफोलियो में कुछ जोड़े.

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भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

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6 सर्वश्रेष्ठ क्रेडिट जोखिम म्युचुअल फंड 2022

क्रेडिट रिस्क फंड किसकी श्रेणियों में से एक है?म्यूचुअल फंड्स भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा पेश किया गया (सेबी) अक्टूबर 2017 को। सरल शब्दों में, क्रेडिट रिस्क फंड एक प्रकार हैं यदिडेट फंड जो कॉर्पोरेट में निवेश करते हैंबांड और वाणिज्यिक पत्र। ये फंड मूल रूप से कम रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं जो भविष्य में रेटिंग में सुधार देख सकते हैं। सेबी की परिभाषा के अनुसार, क्रेडिट रिस्क स्कीम एए और उच्च रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड से नीचे में निवेश करेगी।

Credit-Risk-Funds

क्रेडिट रिस्क म्युचुअल फंड को अपनी संपत्ति का कम से कम 65 प्रतिशत उच्चतम रेटिंग वाले उपकरणों से नीचे निवेश करना चाहिएएएए एए डेट रेटेड इंस्ट्रूमेंट।

क्रेडिट रिस्क फंड कैसे काम करते हैं?

द्वारानिवेश कम क्रेडिट रेटेड ऋण उपकरणों में जो नीचे हैं आ रेटेड, क्रेडिट जोखिम फंड उच्च रिटर्न का लक्ष्य रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि कम क्रेडिट रेटेड डेट इंस्ट्रूमेंट्स उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं क्योंकि ये फंड उच्च जोखिम वाले निवेश होते हैं।

आमतौर पर, एक ऋण साधन के साथ a आ रेटिंग को एक से अधिक जोखिम भरा माना जाता है एएए रेटिंग। क्रेडिट रिस्क फंड मैनेजर ले सकते हैंबुलाना में निवेश करने में आ उपकरण निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें खत्म एएए वाले। यह संभवतः भविष्य में बाद में रेटिंग में संभावित उन्नयन या मजबूत बुनियादी बातों के कारण सुनिश्चित रिटर्न के कारण हो सकता है।

कॉर्पोरेट निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें क्षेत्र सकारात्मकता दिखाता है जबअर्थव्यवस्था देश का सुधार होता है। जिससे इसके वित्त में सुधार होता है और इससे कंपनी द्वारा जारी बांड रेटिंग में सुधार होता है। उच्च रेटिंग वाला एक उपकरण आम तौर पर कम रेटिंग के साथ आने वाले बांड / उपकरणों की तुलना में कम ब्याज दर प्रदान करता है। इसलिए, जब रेटिंग अपग्रेड होती है, तो इससे यील्ड में गिरावट आती है और बॉन्ड की कीमत में वृद्धि होती है। की अवधि के दौरानआर्थिक, पुनः प्राप्ति, रेटिंग अपग्रेड की संभावनाएं हैं और कोई भी इस थीम को क्रेडिट रिस्क फंड के साथ खेल सकता है।

साथ ही, चूंकि ये फंड अन्य जोखिम-मुक्त डेट फंडों की तुलना में 2-3% अतिरिक्त रिटर्न के लिए जाने जाते हैं, इसलिए निवेशक थोड़ा जोखिम लेकर इस फंड में निवेश निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें करते हैं।

क्रेडिट रिस्क फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

भले ही यह फंड डेट कैटेगरी से संबंधित है, लेकिन क्रेडिट रिस्क फंड उचित मात्रा में जोखिम निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें के साथ आता है। निवेशकों को पता होना चाहिए कि ऐसे फंडों में वृद्धि और गिरावट एक सामान्य विशेषता है। इसलिए, जो निवेशक अपने निवेश में जोखिम उठा सकते हैं, उन्हें केवल इस फंड में निवेश करना पसंद करना चाहिए। कम जोखिम की क्षमता वाले व्यक्ति को इस फंड से दूर रहना चाहिए।

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