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मंच का चयन

मंच का चयन
इसे सुनेंरोकेंविद्यालयों में मीना मंच (Meena Manch) का गठन बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रूप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इससे जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है जिसमें उमंग, उल्लास, सहानुभूति और सहायता का भाव है।

Ram Rahim Singh बागपत में डेरा आश्रम में बड़ी संख्‍या में लोग पहुंच रहे हैं।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच का गठन होगा

संतकबीरनगर। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को मीना मंच के माध्यम से नेतृत्व क्षमता का गुर सिखाया जाएगा। इससे मंच का चयन वे अपनी कौशल और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास कर सकेंगी। परियोजना कार्यालय ने 23 सितंबर से पहले मीना मंच गठित करने का निर्देश दिया है।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक की छात्राओं में नेतृत्व क्षमता का विकास एवं अभिव्यक्ति की क्षमता का सवर्धन करने तथा कौशलों को विकसित करने के लिए मीना मंच का गठन किया जाता है। जिसमें छात्राएं मंच के माध्यम से गांव में जाकर लोगों को अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करती हैं। अपने-अपने विचारों को व्यक्त करती हैं। इससे उनके नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाता है। मीना मंच के सदस्य विद्यालय के सभी योजनाओं में शामिल होकर उसका प्रचार-प्रसार करते हैं। मीना मंच में 20 छात्राएं सदस्य होती हैं। जिसमें से पांच छात्राओं की कार्यकारिणी समिति गठित होती है। उसी में से एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष एवं दो सदस्य होते हैं। कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। इसमें उन्हीं बालिकाओं का चयन किया जाता है, जो रोजाना विद्यालय आती हों। मीना मंच को एक कीट भी दिया जाता है। जिसमें कुछ किताबें व लघु नाटक के अलावा बच्चों को जागरूक करने के सामान होते हैं। राज्य परियोजना कार्यालय ने बीएसए को पत्र भेजकर 23 सितंबर से पहले मीना मंच का गठन करा लिए जाने का निर्देश दिया है।

गार्गी मंच का गठन : विद्यालयों में 8वीं से 12वीं तक के 21 छात्र-छात्रा सदस्यों का चयन

इस अवसर पर मंच का गठन बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव को सुनिश्चित करने के साथ जागरूकता अभियान की योजना तैयार की गई। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गार्गी मंच गठन करके प्रथम बैठक आयोजन किया गया। गार्गी मंच में कक्षा 8 से 12 तक के 21 विद्यार्थियों का चयन किया गया। चयनित बालिकाएं शाला सखी बालक शाला सखा कहलाए जाएंगे। इसी बैठक में अध्यक्ष के रूप में संतोषकंवर उपाध्यक्ष के रूप में भगवानसिंह का चयन किया गया। इससे मंच का चयन पूर्व वरिष्ठ अध्यापिका श्रीमती भंवरी देवी को सुगमकर्ता अध्यापक जयसिंह को सहायक सुगमकर्ता का दायित्व सौंपा गया। प्रधानाचार्य ने गार्गी मंच के गठन की आवश्यकता एवं महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के सदस्य, विद्यालय विकास समिति के सदस्य अभिभावक तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। बैठक में विद्यालय के शिक्षक हीराराम, देवीप्रसाद, हिंगलाजदान, सत्यप्रकाश, रजनीश कल्ला, रमेश कुमार, कमालदीन उपस्थित थे।

मीना मंच का क्या उद्देश्य है?

इसे सुनेंरोकें1 – समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उनका ठहराव बनाए रखना बालिकाओं को सीखने पढ़ने लिखने एवं सह शैक्षिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु अधिकतम अवसर सामूहिक सहयोग देना । 2. बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करना एवं आपसी सहयोग से समाधान करना ।

मीना मंच का गठन कैसे करते हैं?

मीना मंच का गठन कैसे हो?

  • बहुत दूरी से विद्यालय पहुंचने वाली बालिका,मंच का चयन
  • नियमित विद्यालय में आने वाली बालिका,
  • पढ़ाई के लिए घरवालों को समझा-बुझाकर विद्यालय आने वाली बालिका,
  • अपनी सहेली को प्रेरित कर विद्यालय लाने वाली बालिका,
  • उत्कृष्ट शिक्षा परिणाम वाली गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिका,

मीना मंच का गठन कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंमीना मंच का गठन एक सदस्य मां समूह से होगा । उक्त कार्यकारिणी समिति के 5 सदस्य बच्चे ही चुनाव प्रक्रिया द्वारा चुनेंगे। कार्यकारिणी सदस्य के अलावा 15 सदस्य (9 सदस्य एवं 6 बालक) सुगमकर्ता चुनेंगे ।

मीना मंच में कुल कितने सदस्य होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमीना मंच में 20 छात्राएं सदस्य होती हैं। जिसमें से पांच छात्राओं की कार्यकारिणी समिति गठित होती है। उसी में से एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष एवं दो सदस्य होते हैं। कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होता है।

मीना मंच का प्रारंभ कब से हुआ?

इसे सुनेंरोकेंमीना-एक परिचय :- यूनीसेफ (Unicef) की परिकल्पना एक काल्पनिक कार्टून(cartoon) चरित्र है,जिसकी शुरुआत हुयी। ▷ 1990 में कार्यक्रम ‘मीना मंच’ की कल्पना। ▷ 2013 में प्राथमिक,उच्च प्राथमिक स्तर एवं कस्तूरबा विद्यालयों (KGBV) में लागू।

मीना मंच में मीना कौन है?

इसे सुनेंरोकेंमीना मंच के उद्देश्य किशोर एवं किशोरियों को आत्म अभिव्यक्ति हेतु मंच उपलब्ध कराना । किशोरियों में नेतृत्व एवं सहयोग की क्षमता विकसित करना । समान अवसर उपलब्ध कराना । लिंग भेद मिटाना ।

अध्यापिका मंच क्या है?

इसे सुनेंरोकेंशर्मा ने बताया कि अध्यापिका मंच ब्लाक स्तर पर मंच का चयन शिक्षिकाओं के लिए एक ऐसा समूह है जो आपसी सहयोग के आधार पर एक दूसरे में छुपी प्रतिभाओं काे प्रकट करने में मदद करता है। अध्यापिका मंच कोर ग्रुप की सदस्य कमला त्रिपाठी, गीता जेदिया, निखिला जोशी, रेखा, सरिता चौधरी, मीनाक्षी, उमा सोनी, सहित अन्य ने भी विचार व्यक्त किए।

मीना का जन्मदिन क्यों मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्राथमिक विद्यालय बढ़पुरा शर्की मे मीना का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। यूनीसेफ टीम की ओर से आयोजित मीना मंच कार्यक्रम में लिंग भेद, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, दहेज, स्वास्थ्य एवं सफाई, बालश्रम, सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया गया।

मीना का जन्मदिन कब मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंबताया कि प्रत्येक वर्ष 24 सितंबर को मीना का जन्मदिन मनाया जाता है। मीना एक काल्पनिक चरित्र है जो बालिकाओं के मुद्दो को समझाने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा को सुदृढ़ बनाना है।

मीना की दुनिया - कौन है मीना, कैसे होता है मीना मंच का गठन, मीना सुगमकर्ता, मीना प्रेरक व कार्य प्रणाली व उदेश्य जाने Know all about meena

मीना मंच को सुविधा ( संसाधन ) युक्त बनाने के उद्देश्य से विद्यालय की महिला अध्यापिका को मीना सुगमकर्ता के रूप में नामित किया जाता है। मीना सुगमकर्ता को ३ दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। ये विद्यालय स्तर पर मीना मंच सक्रिय सहयोग प्रदान करती है।

मीना मंच की गतिविधियों एवं मंच के वार्ताकारों के अभिलेखीकरण हेतु मीना प्रेरक सामान्य सभा की बैठक में चयनित किया जाता है।

मीना मंच की सामान्य सभा की बैठक के पश्चात् प्रत्येक माह कार्यकारिणीसमिति की नियमित बैठक होती है। ये बैठकें मीना पंचायत के नाम से जानी जाती है।

मीना मंच का गठन, वंशिका बनीं अध्यक्ष

मीना मंच का गठन, वंशिका बनीं अध्यक्ष

मीना मंच की अन्य पदाधिकारियों में राखी उपाध्यक्ष, मनीषा सचिव, परी कोषाध्यक्ष व आरती सैनी सक्रिय सदस्य निर्वाचित हुई। इस दौरान प्रधानाध्यापक कविता सिंह ने कहा कि मीना मंच का उद्देश्य समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उनका ठहराव बनाए रखना है। इसके साथ बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करना एवं आपसी सहयोग से उसका समाधान करना, जेंडर भेदभाव एवं सामाजिक कुरीतियों पर समझ विकसित करना और बालिकाओं को इन मुद्दों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इस दौरान रचना, मीनू ढाका, विनय कुमार, संगीता, दिव्या रेनू पंवार ने मीना मंच की निर्वाचित टोली को शपथ ग्रहण कराकर उनके विभागों की जिम्मेदारी सौंपी। टीकरी के धावक हिमांशु ने जीता गोल्ड

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