परिचालन जोखिम

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RBI ने बैंकों के कैपिटल जरूरतों के लिए नए नियमों का दिया प्रस्ताव, 31 जनवरी तक मांगी है सलाह
RBI norms for Capital Requirements: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों परिचालन जोखिम के पूंजी जरूरतों में ऑपरेशनल रिस्क को मापने के लिए मौजूदा अप्रोच को बदलने का प्रस्ताव दिया है.
RBI norms for Capital Requirements: भारतीय रिजर्व परिचालन जोखिम बैंक (RBI) ने बुधवार को बैंकों की मिनिमम ऑपरेशनल रिस्क कैपिटल आवश्यकताओं को मापने के लिए मौजूदा अप्रोच को बदलने के लिए एक प्रस्ताव दिया है. केंद्रीय बैंक ने इसके लिए एक नए Basel-III स्टैंड्रलाइज्ड अप्रोच को लाने के लिए कहा है.
'ऑपरेशनल रिस्क' से तात्पर्य अपर्याप्त या असफल इंटरनल प्रोसेस, लोगों और प्रणालियों या बाहरी घटनाओं से होने वाले नुकसान के जोखिम से है.
आरबीआई ने जारी किया ड्राफ्ट
RBI ने बैंकों के लिए अपने विनियमनों को बासेल-तीन मानकों के अनुरूप बनाने के तहत 'परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं पर मूल मसौदा निर्देश' जारी किया है.
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31 जनवरी तक मांगी है सलाह
RBI ने 31 जनवरी, 2022 तक इस मसौदे पर टिप्पणी मांगी है. आरबीआई का लक्ष्य एक अप्रैल, 2023 से संशोधित मानदंडों को लागू करना है.
नए अप्रोच से बदल जाएंगे पुराने प्रोसेस
RBI ने कहा अभी मौजूद सभी अप्रोच जैसे, बेसिक इंडीकेटर अप्रोच (BIA), द स्टैंड्राइज्ड अप्रोच (TSA)/ अल्टरनेटिव स्टैंड्राइज्ड अप्रोच (ASA) और एडवांस्ड मेजरमेंट अप्रोच (AMA), जो पूंजी की जरूरतों के लिए मिनिमम ऑपरेशनल रिस्क को देखते थे, एक नए अप्रोच के साथ बदल दिए जाएंगे.
वित्त मंत्रालय की सलाह से हो रहे हैं बदलाव
इस बीच, एक परिपत्र में RBI ने कहा कि कोई भी भुगतान बैंक या लघु वित्त बैंक जो सरकारी एजेंसी का कारोबार करने का इरादा रखता है, उसे केंद्रीय बैंक के साथ एक समझौता करना होगा. उसके बाद उसे आरबीआई एजेंट (RBI Agent) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह निर्णय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के परामर्श से लिया गया है.
Operational Risk Officer Jobs (परिचालन जोखिम अधिकारी नौकरियां)
Operational Risk Officer Jobs 2022 are available here. Aspirants who are looking for Operational Risk Officer Jobs 2022 with eligibility criteria, job description, apply link, etc. can check this page. Rojgarlive provides detailed job information of Operational Risk Officer Jobs 2022 from different sectors for various qualifications. यहां भारत भर के विभिन्न स्थानों में परिचालन जोखिम अधिकारी नौकरियां 2022 प्राप्त करें। नवीनतम और आगामी परिचालन जोखिम अधिकारी नौकरियां 2022 को जानने के लिए नीचे दिए गए अनुभाग की जांच करें।
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख जोखिम (A brief description of major risks in banking sector) – बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़
हम सभी जानते है कि लगभग सभी बैंकिंग परीक्षाओं में अधिकांश सवाल बैंकिंग अवेयरनेस यानि बैंकिंग से जुड़ी हाल ही घटनाओं से पूछे जाते है, ऐसे में उम्मीदवारों के लिए जरुरी है कि वे हाल के Important Banking Event के बारे में अपडेट रहे और परीक्षा में पूछे गए सवालों का Confident के जवाब दें. Candidates की इसी बात को समझते हुए Adda247 की टीम ने आपके लिए तैयार की है सभी बैंकिंग परीक्षाओं के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़.
इस सीरीज़ में, हम रोज़ाना (daily basis) आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण बैंकिंग अवेयरनेस टॉपिक्स लेकर आएंगे, इसी कड़ी में आज की हमारी इस सीरीज़ का टॉपिक- बैंकिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख जोखिम (A brief description of major risks in banking sector) . यदि आप किसी Goverment Bank Job में जाना चाहते है तो ये बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आपको बैंकिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख जोखिम के बारे में अच्छी Knowledge हो. इस आर्टिकल में आगे बैंकिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख जोखिम के सभी महत्वपूर्ण जानकारी यानी बेसिक फैक्ट्स दिए जा रहे हैं .
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े प्रमुख जोखिम (Major Risks in the Banking sector) – बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़:
वैसे तो बैंकिंग सेक्टर मे कई प्रकार के जोखिम होते हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे कुछ प्रमुख प्रकार के जोखिमों के बारे में :-
1. ऋण जोखिम (Credit Risk)- बैंकिंग सेक्टर में ऋण जोखिम को सबसे बड़ा जोखिम माना जाता है। ज़ब कोई ग्राहक किसी वजह से उसके द्वारा लिया गया ऋण समय पर वापस नहीं करता और बैंकिंग प्रबंधन उस ऋण को वापस लाने में असमर्थ होता है तो इसे ऋण जोखिम कहते हैं। इसका प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती है। ये जोखिम दो प्रकार का होता है-
(i) परिचालन जोखिम प्रतिपक्ष जोखिम- इसमें काउंटरपार्टी/उधारकर्ता ऋण चुकाने से इंकार कर देता है या इसे परिचालन जोखिम परिचालन जोखिम चुकाने में असमर्थ होता है।
(ii) देश जोखिम- इसमें देश द्वारा लगाए गए अवरोधों के कारण ज़ब काउंटरपार्टी/उधारकर्ता ऋण चुकाने में असमर्थ होता है तो इसे देश जोखिम कहते हैं। इन कारणों पर उधारकर्ता का कोई नियंत्रण नहीं होता।
2. परिचालन जोखिम (Operational Risk)- परिचालन जोखिम किसी व्यक्ति, विफल आतंरिक प्रक्रिया, प्रणाली, या किसी बाहरी घटना के कारण होने वाले नुकसान को कहते हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कानूनी, सुरक्षा, संचार, दस्तावेज, मॉडल, सिस्टम आदि जोखिम आते हैं। इसमें 4 प्रकार के जोखिम आते हैं-
(i) लेनदेन जोखिम- इसके परिचालन जोखिम तहत लेनदेन में गड़बड़ी वाले जोखिम आते हैं।
(ii) अनुपालन जोखिम- यह वित्तीय हानि या प्रतिष्ठा हानि का जोखिम है जो किसी बैंक या व्यक्ति द्वारा लागू नियमों के पालन में समर्थ ना हो पाने के कारण होता है।
(iii) सामरिक जोखिम- यह उचित प्रबंधन की कमी को दर्शाता है।
(iv) प्रतिष्ठा जोखिम- यह नकारात्मक जोखिम है जो किसी बैंक की मुक़दमेबाजी, ग्राहक गिरावट या वित्तीय नुकसान को दर्शाता है।
3. बाजार जोखिम (Market Risk)- यह जोखिम बैंक द्वारा पूंजी बाजार में की गयी गतिविधियों पर आधारित है। बाजार में असंतुलन की दशा से उत्पन्न जोखिम को बाजार जोखिम कहते हैं। जिन बैंकों ने बाजार में भारी मात्र में निवेश किया हुआ है, उन्हें इस प्रकार का जोखिम अधिक है।
इस प्रकार के जोखिम से बचने के लिए बैंकों को अपने द्वारा किये गए निवेश में अंतर या विविधता लानी चाहिए जिससे बाजार में होने वाले असंतुलन का असर बैंक पर अधिक ना पड़े।
4. तरलता जोखिम (Liquidity Risk)- इस प्रकार का जोखिम तब सामने आता है ज़ब कोई बैंक अपने ग्राहकों को रूपए देने में असमर्थ हो जाता है और ऐसा करने पर बैंक अपने ग्राहकों का विश्वास भी खो देता है जिससे भविष्य में उसके ग्राहक कम हो जाते हैं।
बैंकों के लिए तरलता बनाये रखना आवश्यक है और इसीलिए ज़ब किसी बैंक की तरलता में कमी आती है तो वो बैंक अपने कैपिटल को देकर इस जोखिम से बाहर आते हैं।