ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ

Experience the power of 3-in-1! An account that combines Savings Account, Demat Account, and Trading Account to provide you with a simple and paperless trading experience. To know more, visit –https://t.co/Mvt7i2K3Le#Go3in1WithSBI #AzadiKaAmritMahotsavWithSBI pic.twitter.com/3RDWUZEgIF — State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 15, 2021
ट्रेडिंग खाते: संचालन की प्रणाली और होने के फायदे
ट्रेडिंग खातों ने लोगों के शेयर बाजार में काम करने के तरीके में क्रांति ला दी है। शेयरों को बनाए रखने का यह नया तरीका ओपन आउटरी की पुरानी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और तेज साबित हुआ है। ट्रेडिंग खातों की सहायता से, भौतिक संपर्क और उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे दोनों पक्षों के लिए समय की बचत होती है।
--> --> --> --> --> (function (w, d) < for (var i = 0, j = d.getElementsByTagName("ins"), k = j[i]; i
Polls
- Property Tax in Delhi
- Value of Property
- BBMP Property Tax
- Property Tax in Mumbai
- PCMC Property Tax
- Staircase Vastu
- Vastu for Main Door
- Vastu Shastra for Temple in Home
- Vastu for North Facing House
- Kitchen Vastu
- Bhu Naksha UP
- Bhu Naksha Rajasthan
- Bhu Naksha Jharkhand
- Bhu Naksha Maharashtra
- Bhu Naksha CG
- Griha Pravesh Muhurat
- IGRS UP
- IGRS AP
- Delhi Circle Rates
- IGRS Telangana
- Square Meter to Square Feet
- Hectare to Acre
- Square Feet to Cent
- Bigha to Acre
- Square Meter to Cent
- Stamp Duty in Maharashtra
- Stamp Duty in Gujarat
- Stamp Duty in Rajasthan
- Stamp Duty in Delhi
- Stamp Duty in UP
These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ other contents for any person’s circumstances.
Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.
Trading Account: ट्रेडिंग अकाउंट से कैसे अलग है Demat अकाउंट, क्या है दोनों में फर्क
दुनियाभर में कहीं भी आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के साथ शेयर और सिक्योरिटीज को खरीद या बेच सकते हैं। बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप यह काम नहीं कर पाएंगे। ट्रेडिंग अकाउंट के अस्तित्व में आने के बाद से ही संपूर्ण शेयर-व्यापार प्रक्रिया काफी सहज हो चुकी है
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट उतना ही जरूरी है जितना की कार के लिए ईधन। इस खाते के होने के बाद ही आप शेयर मार्केट में निवेश करके लाखों, करोड़ों का लाभ उठा सकेंगे। अक्सर देखा जाता है कि लोग ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों को एक मान लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। ये दोनों खाते ही अलग-अलग होते है।
जहां डीमैट अकाउंट को ट्रेडिंग की दिशा में पहला कदम कहा जाता है। भारत में शेयर खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाता खोलना जरुरी और अनिवार्य कदम है। डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयरों के रिकॉर्ड को रखने के लिए किया जाता है। अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो एक डीमैट अकाउंट आपको आपके पहले से खरीदे गए शेयरों और सभी सिक्योरिटीज को स्टोर करने की अनुमति देता है, जबकि एक ट्रेडिंग खाते से आप वास्तविक लेनदेन करते हैं।
5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX
दुनियाभर में कहीं भी आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के साथ शेयर और सिक्योरिटीज को खरीद या बेच सकते हैं। बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप यह काम नहीं कर पाएंगे। ट्रेडिंग अकाउंट के अस्तित्व में आने के बाद से ही संपूर्ण शेयर-व्यापार प्रक्रिया काफी सहज हो चुकी है। इस वजह से अब आम लोग भी आसानी से ट्रेडिंग करने का लाभ उठा पा रहे हैं। वर्तमान समय में आप अपना ट्रेडिंग मार्केट में मौजूद किसी भी कंपनी में खुलवा सकते है। यह कंपनी आपकी खरीद और स्टॉक एक्सचेंजों के बीच मध्यस्थता की तरह काम करता है।
सभी ट्रेडिंग खाते के लिए एक आईडी मैप की जाती है, और प्रत्येक खाते को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक पासवर्ड द्वारा सुरक्षित भी प्रदान किया जाता है। आपको इस आर्टिकल में हम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बारे में सभी जानकारी स्टेप वाइज बताने वाले हैं और साथ ही एक ट्रेडिंग अकाउंट को खोलने में आपको कौन से डॉक्यूमेंट की जरुरत होगी इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
●ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट जैसे 5paisa की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या इसका मोबाइल एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
●उस प्रॉम्प्ट पर क्लिक करें जिसमें लिखा होगा कि 'एक ट्रेडिंग खाता खोलें'।
●वेबसाइट आपको एक नए पृष्ठ पर री डायरेक्ट करेगी, जहां आपको अपने सभी बुनियादी विवरण दर्ज करने होंगे।
●एक बार जब आप उन विवरणों को जमा कर देते हैं, तो आपको अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जायेगे।
●ओटीपी को संबंधित क्षेत्रों में इनपुट करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
●ओटीपी के सत्यापन के बाद, आपको एक ट्रेडिंग खाता खोलने का फॉर्म भरना होगा।
●एक बार ऐसा करने के बाद, एक रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) दस्तावेजीकरण आवश्यकताओं के संबंध में आपके ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ फोन या आपके ईमेल पर आपसे संपर्क किया जाएगा।
●दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया पूरी होने और बाद में सभी हस्ताक्षरित फ़ॉर्म प्राप्त करे और इसके बाद आपका ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता 24 घंटों के भीतर चालू हो जाएगा।
SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
SBI 3-in-1 Account : SBI के 3-in-1 अकाउंट में एक नार्मल खाता, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ मिल सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग करने के योग्य होंगे.
SBI ने लॉन्च किया 3 इन 1 अकाउंट.
प्रमुख सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी कि SBI ने अपने ग्राहकों के लिए बहुत ही खास घोषणा की है. SBI ने बिल्कुल नये 3-in-1 अकाउंट की शुरुआत कर दी है. इसमें ग्राहक एक सामान्य खाता, डीमैट खाता और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ उठा सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग कर पाएंगे. इस विशेष खाते का इस्तेमाल करके ग्राहक स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें
आपको बता दें कि जब भी आप शेयर बाजारों में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. इस 3-in-1 खाते को खोलने वाले ग्राहक इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में इंवेस्ट कर लिस्टिंग से फायदा (listing gains) उठा सकते हैं. SBI का कहना है कि कस्टमर्स ई-मार्जिन सुविधा के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ ये 3-in-1 अकाउंट खोल सकते हैं.
Experience the power of 3-in-1!
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 15, 2021
An account that combines Savings Account, Demat Account, and Trading Account to provide you with a simple and paperless trading experience. To know more, visit -https://t.co/Mvt7i2K3Le#Go3in1WithSBI#AzadiKaAmritMahotsavWithSBIpic.twitter.com/3RDWUZEgIF
जरूरी कागजात
अगर आप भी SBI का ये 3-in-1 खाता खोलना चाहते हैं तो आपके पास ये सभी जरूरी काजगात होने चाहिए.
- पैन कार्ड
- फोटोग्राफ
- पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या Voter ID कार्ड
SBI डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- पासपोर्ट साइज की एक फोटोग्राफ
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एक कैंसिल चेक
क्या है ई-मार्जिन सुविधा
ई-मार्जिन फैसिलिटी के अंतर्गत, कम से कम 25 प्रतिशत मार्जिन के साथ ट्रेड किया जा सकता है. वहीं जरूरी मार्जिन पाने लिए कैश या कोलैटरल का यूज करके अगले 30 दिनों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है. ग्राहकों के पास डिलीवरी को कन्वर्ट करके स्टॉक अपने डीमैट अकाउंट में मंगाने या फिर एक्सपायरी से पहले स्कैयर ऑफ करने का विकल्प भी रहेगा.
ऐसे उठाएं लाभ
इस खाते का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को कुछ ईजी स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
स्टेप 1: SBI Securities वेब प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग अकाउंट में Login करें.
स्टेप 2: Order Placement (खरीदें / बेचें) Menu पर जाएं.
स्टेप 3: ऑर्डर देते समय Product Type को ई-मार्जिन के रूप में चुनना है.
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।
डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।
आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।
यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.
डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?
जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।
आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।
यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।
डीमैट अकाउंट का विवरण
आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :
डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।
डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।
पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।
ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.
लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार
अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:
रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।
रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।
नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।
क्या आप डीमैट अकाउंट खोलना चाह रहे हैं? शुरू करने के लिए क्लिक करें!
क्या आप शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट लक्ष्यों की तलाश में हैं? अधिक जानने के लिए क्लिक करें!
* इस लेख में दी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।
SBI 3-in-1 Account: एक खाते ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ में मिलेंगे 3 बड़े फायदे, जानें इसके खास फीचर
SBI 3-in-1 Account: एसबीआई 3 इन 1 अकाउंट में खाताधारकों को एक बचत खाता, एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग खाता एक साथ जुड़कर मिलते हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Dec 19, 2021 | 9:52 AM
SBI 3-in-1 Account: देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है. एसबीआई ने ग्राहकों को 3-in-1 अकाउंट की सुविधा दी है जो बचत खाते (Saving Account), डीमैट खाते (Dmat Account) और ट्रेडिंग खाते (Trading Account) को जोड़ता है. इस अकाउंट से ग्राहकों को पेपरलेस और आसान ट्रेडिंग में मदद मिलेगी. ग्राहकों को ये सारी सुविधा एक ही अकाउंट के साथ मिलती है. एसबीआई ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है.
हाल ही में, एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में कहा, 3-इन-1 की शक्ति ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लाभ का अनुभव करें! एक ऐसा खाता जो आपको एक सरल और पेपरलेस ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करने के लिए बचत खाते, डीमैट खाते और ट्रेडिंग खाते को जोड़ता है. अधिक जानने के लिए, यहां जाएं- https://bank.sbi/web/personal-banking/investments-deposits/stocks-securities/3-in-1-account
जरूरी डॉक्युमेंट्स
अगर आप एसबीआई का 3 इन 1 अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. बचत खाते के लिए ये जरूरी दस्तावेज होने चाहिए-
1. पैन कार्ड या फॉर्म 60 (PAN or Form 60) 2. फोटोग्राफ 3. ऑफिशियल वैलिड डॉक्युमेंट्स (OVD) जैसे- पासपोर्ट (Passport), आधार (Aadhar), ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License), वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card), मनरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड (MNREGA Job Card) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम और पते का डिटेल हो.
Experience the power of 3-in-1! An account that combines Savings Account, Demat Account, and Trading Account to provide you with a simple and paperless trading experience. To know more, visit –https://t.co/Mvt7i2K3Le#Go3in1WithSBI #AzadiKaAmritMahotsavWithSBI pic.twitter.com/3RDWUZEgIF
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 15, 2021
अब खाते को डीमैट और ट्रेडिंग के रूप में जारी रखने के लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार हैं-
>> पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ >> पैन कार्ड कॉपी >> आधार कार्ड कॉपी >> एक कैसिंल चेक या लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
ई-मार्जिन फैसिलिटी
इस संबंध में ट्रेडर्स को ई-मार्जिन सुविधा के बारे में भी पता होना चाहिए. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस सुविधा के तहत, कोई भी कम से कम 25 प्रतिशत मार्जिन के साथ ट्रेड कर सकता है और जरूरी मार्जिन प्राप्त करने के लिए कैश या कोलैटरल का उपयोग करके 30 दिनों तक की स्थिति को आगे बढ़ा सकता है.
कैसे उठाएं लाभ?
खाते का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक ग्राहकों को कुछ सरल चरणों का पालन करना होगा. वे इस प्रकार हैं-
Step 1: एसबीआई सिक्योरिटीज वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेडिंग खाते में लॉग इन करें.
Step 2: ऑर्डर प्लेसमेंट (खरीदें / बेचें) मेनू पर जाएं.
Step 3: ऑर्डर देते समय प्रोडक्ट टाइप को ई-मार्जिन के रूप में चुनें.
अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति SBI की आधिकारिक वेबसाइट bank.sbi पर लॉग इन कर सकते हैं.
SBI ने बढ़ाई ब्याज दरें
SBI ने बड़ा फैसला लेते हुए बेस रेट में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है. बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ये 0.10 फीसदी बढ़कर 7.55 फीसदी हो गई है. किसी बैंक का बेस रेट वह मिनिमम रेट है जिसके नीचे कोई भी बैंक किसी व्यक्ति या संस्था को लोन नहीं दे सकता. बेस रेट वह दर है जिस दर को बैंक अपने कस्टमर के लिए लागू करता है. कुछ यूं कहें तो बैंक जिस रेट पर कस्टमर को लोन देते हैं, वही बेस रेट है.