मुद्रा जोड़े

बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ

बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ
उनकी एक खास पहचान कवि के रूप में भी बनी. मैं उनकी कविताओं का प्रशंसक रहा हूं. अपनी पहली दुबली काया वाली कविता पुस्तक ‘झेलते हुए’ में ही अपनी संभावनाओं का परिचय दिया. फिर ‘मैं हूं, यहां हूं’ और ‘बेचैनी’जैसे संग्रह आये. उनके अंतिम संग्रह को अच्छी चर्चा मिली. लेकिन बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ इस विधा में उन्होंने खुद को केंद्रित नहीं किया.

Cryptocurrency Ban News: क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन मुमकिन है, शायद नहीं

Neel Mani Lal

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टो करेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

Cryptocurrency Ban News: बिटकॉइन (Bitcoin) या कोई भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) दरअसल एक टेक्नोलॉजी (Technology) है और ये सवाल उठता है कि क्या कोई टेक्नोलॉजी बैन की जा सकती है? शायद नहीं, क्योंकि जिस चीज का भौतिक स्वरूप नहीं है और जो मात्र कंप्यूटर कोड की श्रृंखला है उसे कैसे खत्म, नष्ट या बैन किया जा सकता है।

अमेरिका के सेक्युरिटीज़ एंड एक्सचेंज की कमिश्नर हेस्टर पेयर्स ने तो क्रिप्टोकरेंसी (hester peirce crypto) को बैन करने की कवायद पर कहा भी है कि इसका मतलब है इंटरनेट को ही बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बन्द कर देना, सो ऐसे कवायद बेमानी है।

बात टेक्नोलॉजी की

ट्रेडिंग और कमाई को अलग रख दें तो ये साफ है कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसियां एक बहुत बड़े टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट को दर्शाती हैं या प्रतिनिधित्व करती हैं। इस टेक्नोलॉजी ने ब्लॉकचेन को जन्म दिया है। टेक्नोलॉजी के इतर, सरकारें, बैंक और नियामक क्रिप्टोकरेंसियों के पूरे संजाल से खुश नहीं हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है विकेंद्रीकरण जिससे सरकारों और बैंकों का वित्तीय बाजार से कंट्रोल खत्म हो जाता है। यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसियों को बैन (Cryptocurrency ban) या रेगुलेट करने की बात होती है।

अब सवाल ये है कि क्या बिटकॉइन या किसी क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया जा सकता है? पहले ये समझना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी है क्या (cryptocurrency kya hai)। एक उदाहरण लेते हैं बिटकॉइन का। ये कोई भौतिक वस्तु नहीं बल्कि एक नेटवर्क और प्रोटोकॉल है। प्रोटोकाल एक भाषा है जिसके जरिये एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर से बात करता है। बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ यानी मतलब ये हुआ कि अगर कोई सरकार सभी बिटकॉइन ट्रैफिक और सभी वॉलेट को ब्लॉक करने में सफल हो जाती है तो भी कोई व्यक्ति क्रिप्टो लेनदेन कर सकेगा क्योंकि बिटकॉइन मात्र एक भाषा है और चूंकि ये भाषा है तो इसे कागज के टुकड़े या एसएमएस या फेसबुक मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज के जरिये किसी भी उस देश में भेज सकते हैं जहां बिटकॉइन वैध है। उस देश में वह इंसान बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ आपके बिटकॉइन से लेनदेन कर लेगा।

बहुआयामी रचनाकार डॉ भारत यायावर की जयंती, रेणु पर कुल 25 पुस्तकें की प्रकाशित

बहुआयामी रचनाकार डॉ भारत यायावर की आज जयंती है. डॉ भारत यायावर का जन्म 29 नवंबर 1954 को कदमा हजारीबाग में हुआ था. उनका निधन 22 अक्टूबर 2021 को हुआ था. डॉ भारत यायावर तीन भाइयों के बीच के थे. उनका पूरा जीवन संघर्षमय रहा. शुरू से ही वे आर्थिक कठिनाइयों से जूझते रहे. उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से एमए (हिंदी) किया. नामवर सिंह की कृतियों पर शोधकार्य के परिणाम स्वरूप पीएचडी की डिग्री ली. चास बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ कॉलेज में प्राध्यापक बनें. फिर विनोदाभावे विश्वविद्यालय में स्थानांतरण हुआ जहां से 20 सितंबर 2021 को सेवा निवृत हुए.

भारत जी बचपन से ही बहुत परिश्रमी थे. स्कूल जीवन से ही अध्ययन और लेखन में उनकी विशेष रुचि थी जिसे उन्होंने आगे चलकर बहुत समृद्ध किया. वे दरअसल बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे. प्रारंभ में नवतारा और फिर विपक्ष पत्रिका निकाली जो बहुत प्रतिष्ठित रही. पत्रिका निकालने के साथ उनका रचनात्मक लेखन भी तेजी से चलता रहा. वे संपादन, कविता, समीक्षा, आलोचना, जीवनी, संस्मरण आदि के क्षेत्रों में लगातार गंभीरता से कार्य करते रहे. उनकी महावीर प्रसाद दि्वेदी रचनावली हिंदी साहित्य की बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बड़ी उपलब्धि है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

भारत यायावर जमीन के कवि हैं. लोगों के प्रताड़ित जीवन पर कवि की विशेष दृष्टि रहती है. “घर से निकल कर” कविता में कवि बताता है-

यहां आकर मैंने देखा/जितनी ऊंचाई पर/देखता था खुद को/उतनी निचाई पर पांव जमे हैं/और जहां मैं खड़ा हूं/ वहां धुप्प अंधेरा है/ भूख से ऐंठती हैं बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ अंतड़ियां/और लोग देख नहीं पाते…

विद्याभूषण (रांची)

ऐतिहासिक है एक बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ समर्थ और समर्पित संपादक का असमय जाना

भारत यायावर अचानक हमलोगों के बीच से चले गये तो लगा कि ढेर सारा आधा-अधूरा काम कतार के बाकी साथियों के लिए छोड़ गये. अपनी रचनात्मक ऊर्जा के निवेश के लिए कविता उनकी पहली सहचरी बनी. बाद के दिनों में इस दायरे का क्रमिक विस्तार होता गया.

संपादन और संग्रहण का जो और जितना काम उन्होंने अकेले किया, वह निस्संदेह दूसरों के लिए आसान नहीं था. रेणु बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ समग्र, महावीर प्रसाद द्विवेदी, नामवर जैसे कई बड़े नाम भारत की कार्यतालिका में सुप्रतिष्ठि होते गये. एक समर्थ और समर्पित संपादक का इस तरह समय से पहले विदा होना एक ऐतिहासिक क्षति से कम हरगिज नहीं है. ध्यान में आती है उनकी पहली पत्रिका ‘नवतारा’ जिसमें अनिता रश्मि समेत कई नये कलमकारों को टेक मिली थी. इसी दौर में रमणिका गुप्ता को सार्थक लेखन से जोड़ने का काम भारत के बूते की बात थी. उन्होंने एक और अनियतकालीन पत्रिका ‘विपक्ष’ भी निकाली जिसके जरिए अपने समकालीन नये-पुरानी अनेक लेखकों सहारा दिया, रेखांकित होने का अवसर दिया.

प्रेस क्लब में बूढ़ा पहाड़ सादरी फिल्म का ऑडिशन

Ranchi : प्रेस क्लब में मंगलवार को बूढ़ा पहाड़ सादरी फिल्म केऑडिशन का आयोजन किया गया. फिल्म माओवादी की सच्ची कहानी पर आधारित है. फिल्म के लेखक और निर्देशक सतीश पाई हैं. इस फिल्म में एनएसडी के चर्चित रंगकर्मी और संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित प्रो अजय मलकानी और झारखंड के निर्माता निर्देशक बीजू टोप्पो भी दिखेंगे. इस फिल्म में सिर्फ झारखंड के आर्टिस्ट काम करेंगे. फिल्म चार भाषाओं- सदरी, कुड़ुख, हिंदी और अंग्रेजी में रिलीज की जायगी. फिल्म के निर्देशक सतीश की अभी हाल ही में रिलिज डाक्यूमेंट्री फिल्म “डाकू” ने लोगों की काफी प्रशंसा बटोरी थी. फिल्म के बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ निर्देशक सतीश पाई का जन्म रांची में हुआ, स्कूल की शिक्षा इन्होंने जेवीएम श्यामली से पूरी की. उन्होंने बताया कि यह फिल्म आनेवाले समय में झारखंड और झारखंड के कलाकारों के लिए मील का पत्थर साबित होगी. बूढ़ा पहाड़ फिल्म सरकार की आत्मसमर्पण की नीतियों पर आधारित होने के साथ ही मनोरंजक भी है. फिल्म में नक्सल और पुलिस के बीच गांव के भोले भाले आदिवासियों को किस तरह संघर्ष करना पड़ता है, वह दिखाया जाएगा. 2023 तक फिल्म की शूटिंग शुरू होगी.

रेटिंग: 4.62
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 402
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *