ब्रोकर इतिहास

इतिहास के पन्नों में 12 मार्च
12 मार्च 1993 को मुंबई में 13 बम धमाके हुए थे जिसमें 257 लोग मारे गए थे और 800 लोग घायल हो गए थे.
देश की आर्थिक राजधानी के कई इलाकों में 75 मिनट के भीतर ये बम धमाके हुए.
पहला बम धमाका स्थानीय समयानुसार एक बज कर 25 मिनट पर बॉबे स्टॉक एक्सचेंज पर हुआ. ये धमाका इस इमारत की भूमिगत गैराज में हुआ.
इस धमाके में 30 कारों के परखच्चे उड़ गए.
धमाके के कारण भगदड़ मचने से कुछ ब्रोकर और निवेशकों की मौत हो गई थी.
इन बम धमाकों को मुंबई में हुए मुस्लिम विरोधी दंगों के जवाब में की गई कार्रवाई के तौर पर देखा गया था जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी.
दिसंबर 1992 और फिर जनवरी साल 1993 में तत्कालीन बॉम्बे शहर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे और ये शहर इन दंगों से उबर ही रहा था कि शहर में ये धमाके हो गए.
उन सांप्रदायिक दंगों में 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 40,000 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था.
साल 1999: मशहूर वायलिनवादक का निधन
आज ही के दिन साल 1999 में 20वी सदी के सबसे बेहतरीन वायलिनवादक यहूदी मनुहिन का निधन हो गया था.
प्राइम ब्रोकर क्या है?
एक प्रधान ब्रोकर इतिहास ब्रोकर आम तौर पर एक बड़े बैंक या एक निवेश कंपनी समाशोधन, संचालन समर्थन, लेनदेन और जोखिम प्रबंधन के निपटान से संबंधित धन से बचाव के लिए ब्रोकर इतिहास सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने है. एक ब्रोकरेज कंपनी,एक व्यापारिक कार्यालय, एक संचालन कार्यालय और एक प्रबंध कंपनी है, जो विभिंन कार्यों को हल ब्रोकर इतिहास करने के लिए बचाव कोष में मदद करती है, एक प्रधान ब्रोकर की संरचना में शामिल हैं.
विकास एक प्रधान की दलाली
प्रधानमंत्री ब्रोकरेज सेवा से बचाव निधियों के तेजी से विकास के कारण 1970 के दशक में उत्पंन । बड़े निवेश बैंकों को अपनी सेवाओं की पेशकश करने के लिए एक निश्चित शुल्क के लिए धन बचाव शुरू कर दिया: अनुकूल शर्तों पर क्रेडिट, तकनीकी सहायता, लेखा सेवाओं और अनुसंधान, और वे भी प्रमुख निवेशकों. को मिला । 2000 के मध्य के बाद से, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता-ब्रोकरेज सेवाओं में गिरावट शुरू हुई, और 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, उनकी संख्या तेजी से बचाव धन और संपत्ति की संख्या में गिरावट के बाद उनके नियंत्रण में कमी आई.
सबसे बड़ा अमेरिकी निवेश बैंक लीमैन ब्रदर्स, बचाव कोष, जो बैंक से मार्जिन वित्तपोषण प्राप्त की दिवालियापन के बाद, उनकी संपत्ति संपार्श्विक के रूप में बैंक में स्थानांतरित नहीं कर सके । संकट के दौरान कई प्राइम ब्रोकर्स की क्रेडिट रेटिंग भी कम कर दी गई, और हेगड़े फंड को सबसे अच्छी क्रेडिट रेटिंग के साथ बैंकों में ले जाने लगे, क्योंकि जब प्राइम ब्रोकर की ओर से लेन-देन करते समय कंपनी की हाई रेटिंग काफी अहमियत की थी । संकट के बाद, बचाव कोष, जो एक प्रमुख दलाल की सेवाओं का उपयोग कर रहे थे, जोखिम विविधीकरण के लिए कई कंपनियों की सेवाओं का उपयोग शुरू कर दिया .
सके अतिरिक्त, ऋण के प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री ने बचाव निधियों से प्राप्त की आवश्यकताओं में वृद्धि हुई: पूंजी का 30-40% उच्च उपज बांड के बजाय 10-15% के मामले में .
विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों
विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों उच्च चलनिधि प्रदाताओं रहे है-सबसे बड़ी दुनिया भर में जाना जाता बैंकों: बैंक ऑफ अमेरिका, बार्कलेज कैपिटल, मॉर्गन स्टेनली, ड्यूश बैंक और अंय .
विदेशी मुद्रा प्रधानमंत्री दलालों की ओर से और छोटे बैंकों और दलालों की कीमत पर लेनदेन करते है और अंतरबैंक बाजार में अपने गारंटर के रूप में कार्य करते हैं, क्योंकि एक ब्रोकरेज कंपनी और विशेष रूप से एक निजी निवेशक बड़े लेनदेन स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकते . एक ग्राहक के साथ एक सौदा करने के बाद, प्रधानमंत्री दलाल अपने आप पक्षों के जोखिम को रोकने के लिए अंतरबैंक बाजार में विपरीत लेनदेन करता है.
केवल उन विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज कंपनियों है कि अधिक से अधिक पारदर्शी काम और संमानित नियामकों से एक लाइसेंस है, एक प्रधानमंत्री दलाल के साथ एक समझौते में प्रवेश और अंतरबैंक बाजार में ग्राहकों के सौदों ले सकते हैं.
आज का इतिहास: 146 साल पहले मुंबई में शुरू हुआ नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन, आज ये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है
18वीं शताब्दी की शुरुआत से ही बॉम्बे व्यापारिक केंद्र के तौर पर उभर रहा था। समुद्र से जुड़े होने की वजह से माल की आवाजाही इस इलाके से खूब होती थी। इसी वजह से बॉम्बे कई तरह के व्यापार के लिए पसंदीदा जगह थी। उसी दौर में यहां ट्रेडिंग का कारोबार भी शुरू हो गया था।
कुछ व्यापारी बॉम्बे टाउन हॉल के सामने बरगद के पेड़ के नीचे ट्रेडिंग किया करते थे। इन व्यापारियों के कोई लिखित नियम-कानून नहीं थे न ही ट्रेडिंग करने के लिए स्थायी जगह थी। अपनी सहूलियत के हिसाब से ये लोग जगह बदलते रहते थे।
1870 के आसपास इन व्यापारियों ने ट्रेडिंग के लिए एक एसोसिएशन बनाने का सोचा, ताकि ट्रेडिंग को व्यवस्थित रूप दिया जा सके। इस एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए 1 रुपए एंट्री फीस रखी गई। 1875 में आज ही के दिन ये एसोसिएशन बनकर तैयार हुआ, नाम दिया गया - नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन।
शुरुआत में 318 लोग एसोसिएशन के सदस्य थे। धीरे-धीरे लोग बढ़ते गए और ट्रेडिंग के लिए एक बिल्डिंग की जरूरत महसूस होने लगी। 1899 में एसोसिएशन ने दलाल स्ट्रीट पर एक हॉल किराए पर लिया जिसका किराया 100 रुपए महीना था।
एसोसिएशन इतना किराया नहीं चुका सकता था, इसलिए दिनशॉ मानेकजी पेटिट ने ये जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली, जिसके बाद इस हॉल का नाम उनके ब्रोकर इतिहास नाम पर रखा गया। 31 अगस्त 1957 को भारत सरकार ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत मान्यता दी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ये मान्यता पाने वाला देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज है।
फिलहाल जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज स्थित है, उस बिल्डिंग को बनाने का काम 1973 में शुरू हुआ था। 1980 में सारा कारोबार यहां शिफ्ट किया गया और बिल्डिंग को BSE टॉवर्स नाम दिया गया। जिसे बाद में बदलकर फिरोज जीजीभाई टॉवर कर दिया गया।
स्टॉक एक्सचेंज की ओवरऑल परफार्मेंस को मापने के लिए एक इंडेक्स की जरूरत थी, इसलिए 1986 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसेटिव इंडेक्स शुरू किया गया। 2 जनवरी 1986 को पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 30 कंपनियों का इंडेक्स जारी किया गया। बाद में इसका नाम बदलकर सेंसेक्स कर दिया गया।
1995 में ट्रेडिंग के तरीके में एक बड़ा बदलाव करते हुए ट्रेडिशनल तरीके की जगह इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग शुरू की गई। आज मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 9वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और करीब 5000 कंपनियां इसमें रजिस्टर्ड है।
1893: दुनिया की पहली ओपन हार्ट सर्जरी
आज ही के दिन 1893 को पहली ओपन हार्ट सर्जरी की गई ब्रोकर इतिहास थी। मेडिकल फील्ड के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि थी और इस उपलब्धि को अंजाम देने वाले थे डॉक्टर डैन विलियम्स। डैन शिकागो के प्रोविडेंट हॉस्पिटल में डॉक्टर थे। एक रात वे हॉस्पिटल में ही अपनी सेवाएं दे रहे थे तभी कुछ लोग जेम्स कॉर्निश नाम के एक शख्स को लेकर आए।
कॉर्निश की बार में किसी से लड़ाई हो गई थी और इसी लड़ाई में उन पर चाकू से हमला कर दिया गया। चाकू उनके सीने पर लगा था और हार्ट को डैमेज कर चुका था। उस वक्त हार्ट का ऑपरेशन संभव नहीं माना जाता था, क्योंकि चिकित्सा जगत उस समय इतना विकसित नहीं हुआ था। लेकिन डैन ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया।
उन्होंने पसलियों के पास से एक चीरा लगाते हुए हार्ट तक पहुंचने का रास्ता बनाया। हालांकि हार्ट को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन आसपास की धमनी और पेरिकार्डियम में चाकू लगा था। विलियम ने ऑपरेशन खत्म किया और कॉर्निश को अगली सुबह होश आया।
ऑपरेशन सफल रहा और इस ब्रोकर इतिहास ऑपरेशन को दुनिया की पहली ओपन हार्ट सर्जरी माना जाता है। ऑपरेशन के 51 दिन बाद कॉर्निश को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।
1952: पहली पंचवर्षीय योजना प्रकाशित हुई
15 मार्च 1950 के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में देश में योजना आयोग का गठन हुआ था। इस आयोग का काम देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की प्लानिंग करना था। साथ ही पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का जिम्मा भी इसी आयोग के पास था।
इस आयोग ने बनने के साथ ही अपनी पहली पंचवर्षीय योजना पर काम करना शुरू किया। आयोग के अध्यक्ष खुद नेहरू थे और नेहरू उस समय सोवियत संघ के आर्थिक मॉडल से काफी प्रभावित थे। पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का आइडिया भी सोवियत संघ से लिया गया था।
दिसंबर 1951 में नेहरू ने पहली पंचवर्षीय योजना को संसद में पेश किया। इस योजना की अवधि 1951 से 1956 तक थी। करीब सात महीने बाद 1952 में आज ही के दिन योजना आयोग ने पहली पंचवर्षीय योजना को प्रकाशित किया था।
इस योजना में कृषि को सबसे ज़्यादा महत्व दिया गया। क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। इस प्लान के लिए सरकार ने कुल 2,069 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 2,378 करोड़ कर दिया गया। इस राशि का 44 फीसदी हिस्सा कृषि और सिंचाई के लिए आवंटित किया गया था।
नेहरू ने कहा था कि फैक्ट्रियां और बांध आजाद भारत के मंदिर होंगे, लिहाजा इस योजना में उन्हें भी तरजीह दी गई। भाखड़ा और हीराकुंड डैम का काम इसी दौरान शुरू किया गया। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की स्थापना की गई। 1956 में जब योजना खत्म हुई तब तक देश में 5 IIT बनकर तैयार हो चुके थे।
9 जुलाई के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है.
2011:ब्रोकर इतिहास एक जनमत संग्रह के बाद सूडान से अलग होकर एक नया देश दक्षिण सूडान बना।
2007: बोइंग ने 787 ड्रिमलाइनर को लॉन्च किया। दिसंबर 2009 में इस विमान ने अपनी पहली उड़ान भरी।
1969: वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया। 1973 में शेर के स्थान पर बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया।
1939: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 6 हजार भारतीयों ने एक मीटिंग में रंगभेद और नस्लभेद के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया।
1925: भारतीय सिनेमा के सबसे सशक्त अभिनेताओं एवं बेहतरीन निर्देशकों में शुमार गुरु दत्त का जन्म हुआ।
1877: लंदन में पहली विबंलडन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।
शेयर ब्रोकर कैसे चुनें? ना करें यह गलतियां
दुनिया के अमीर इंसानो में से एक Warren Buffett अक्सर यह कहते हैं कि शेयर ब्रोकर आपका सगा नहीं है क्योंकि वह डॉक्टर की तरह ही इलाज करने के पैसे लेता है। जैसे एक मरीज एक अच्छे डॉक्टर के पास ना जाने की वजह से नुकसान का सामना करता है इसी तरह ही शेयर मार्केट में निवेशक अगर अच्छे ब्रोकर के पास नहीं जाता है तो उसे भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
अगर निवेशक ब्रोकर की जानकारी को लेकर गंभीर नहीं है और वह यह सोचता है की ब्रोकर के द्वारा की गई खरीदारी और शेयरों को बेचना (कुछ शेयर ब्रोकर इतिहास ब्रोकर इन्वेस्टमेंट टिप प्रदान करते हैं) निवेशक के लिए ठीक है तो यह उसकी गलतफहमी है क्योंकि शेयर मार्केट की दुनिया में हर कोई सबसे पहले अपना मुनाफा देखता है। फिर दूसरे का और इसलिए पैसा कमाने के लिए दूसरों का सहारा लेना ना ही पड़े तो निवेशक के लिए अच्छा होगा।
इसके लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होना भी लाजमी है ताकि कोई भी शेयर ब्रोकर आपको बेवकूफ ना बना सके।
सबसे अच्छा शेयर ब्रोकर चुनते वक्त ब्रोकर इतिहास इन बातों का खासतौर पर ध्यान रखें:
ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड देखें
- किसी भी ब्रोकर को चुनने से पहले उसके इतिहास के बारे में जान लेना निवेशक के लिए जरूरी होगा।
- निवेशक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उस ब्रोकर या ब्रोकर फर्म ने दूसरे निवेशकों को कितना फायदा और कितनी हानि पहुंचाई है।निवेशक को ब्रोकर की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए।
- ब्रोकरेज चार्जेस के बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए।
- कस्टमर रिव्यू आपको एक अच्छा स्टॉक ब्रोकर करने में मदद करते हैं। पर रिव्यू किसी अच्छी वेबसाइट से ही पड़े क्योंकि आजकल शेयर ब्रोकर दूसरे ब्रोकर को बदनाम करने के लिए ब्रोकर इतिहास झूठे रिव्यू बनाते हैं।
- यह जरूर जान ले कि स्टॉक ब्रोकर की ग्राहक सेवा किस तरह की है। क्या उसके पास ग्राहकों की मुश्किलों को हल करने ब्रोकर इतिहास के लिए पर्याप्त कस्टमर सपोर्ट टीम है या नहीं।
आपकी सुविधा के लिए मैं नीचे भारत के मुख्य तीन डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की सूची से रहा हूं। आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इनमें से किसी से भी अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। यह भारत के मशहूर शेयर ब्रोकर हैं जो कि अत्याधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और इंडिकेटर प्रदान करते हैं इसके साथ कम से कम ब्रोकरेज चार्जेस लेते हैं:
ब्रोकर द्वारा ली जाने वाली ब्रोकरेज की जानकारी
निवेशक को इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए कि उसने जिस ब्रोकर को चुना है वह कितनी ब्रोकरेज लेता है। क्योंकि अपने लिए एक ज्यादा ब्रोकरेज चार्जेस वाला ब्रोकर चुनना और कम फीस (क्योंकि कम कीमत वाला ब्रोकर आपको अच्छी सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ होगा) वाला ब्रोकर चुनना भी समझदारी की बात नहीं है। निवेशक को अपने लिए एक मध्यम वर्ग का ब्रोकर और जिसको अच्छी जानकारी हो उसी को चुनना ही बेहतर होगा।
कस्टमर केयर सेवा
कस्टमर केयर सर्विस निवेशक को एक अच्छे ब्रोकर के द्वारा ही दी जाती है। कुछ बार किसी टेक्निकल इश्यू के कारण आपको कस्टमर टीम से बात करनी पड़ती है अगर कस्टमर सपोर्ट टीम उपलब्ध ना हो तो आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है।
डिस्काउंट ब्रोकर पर सोच समझ कर दांव लगाना
निवेशक को ऐसे ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए जो कि उसके कहे पर ही शेयरों को खरीदे और बेचे। जब एक ब्रोकर आपकी जरूरत और व्यक्तिगत और धन संबंधी इच्छाओं की परवाह किए बिना ही ट्रेड करता है। ब्रोकर की शिकायत के लिए सर्विस विभाग के अतिरिक्त सेबी का प्लेटफार्म मौजूद होना चाहिए।
कुछ बार यह पाया गया है कि कुछ स्टॉक ब्रोकर ग्राहक द्वारा दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए यह सुनिश्चित करें कि आपका स्टॉक ब्रोकर आपका स्टॉक ब्रोकर अच्छा हो आपको नुकसान तब होता है।
सेवा की गुणवत्ता
एक ब्रोकर के द्वारा दी जाने वाली सेवा का प्रतिशत अच्छा होना चाहिए और निवेशक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि ब्रोकर उसको कैसी सुविधाएं और कौन-कौन सी फैसिलिटी दे रहा है। यह सुविधाएं और फैसिलिटी निवेशक के लिए लाभकारी होनी चाहिए। क्योंकि कुछ ब्रोकर इक्विटी ब्रोकिंग सेवा के साथ-साथ कई प्रकार की सेवाएं देते हैं।
डिमैट अकाउंट खाता शुल्क ध्यान में रखें
हर एक निवेशक को रजिस्टर्ड डिमैट अकाउंट खोलने के लिए ब्रोकर को कुछ पैसे देने पड़ते हैं। डिमैट अकाउंट खाता शुल्क अलग-अलग ब्रोकर खुद तय करते हैं। पर शेयर मार्केट में कुछ ऐसे ब्रोकर भी मौजूद हैं जो बिना फीस लिए भी खाता खोल देते हैं।
इसके इलावा डीमैट अकाउंट शुल्क भी होता है उसको भी ध्यान में रखें।
अन्य घुमावदार जुर्माना या हिडन शुल्क
कुछ ब्रोकरों के द्वारा निवेशक से ऐसी फीस ली जाती है जिसका संबंध खाता खोलने की प्रक्रिया से दूर-दूर तक नहीं होता है।और इसको ही अन्य घुमावदार जुर्माना और हिडन शुल्क के नाम से जाना जाता है। तो निवेशक को इसके बारे में अच्छी तरह से ब्रोकर के साथ बातचीत कर लेनी चाहिए।
पैसा ट्रांसफर करने की प्रक्रिया
आपको थ्री-इन-वन डीमैट खाते सुविधा अक्सर अच्छे शेयर ब्रोकर जैसे कि ज़ेरोधा या एंजल ब्रोकिंग के शेयर ब्रोकरों के साथ खाता खोलने के द्वारा ही दी जाती है जिससे कि आपको पैसा ट्रांसफर करने की कोई भी चिंता नहीं रहती है।
हमेशा अपना डिमैट अकाउंट ऐसे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोलें जिसमें बिना किसी दिक्कत के आप कभी भी पैसे अपने बैंक अकाउंट में वापस ट्रांसफर कर सकें।
Antares Broker TickTrader
Antares Broker TickTrader इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल फॉरेक्स और एक्सचेंज ट्रेडिंग के लिए एक मुफ्त एंड्रॉइड एप्लिकेशन है। Antares Broker TickTrader सभी नए और मौजूदा Antares ब्रोकर ग्राहकों के लिए मूल्य निर्धारण और चार्ट सहित वास्तविक समय का बाजार डेटा प्रदान करता है। मोबाइल एप्लिकेशन के साथ विदेशी मुद्रा व्यापारी आसानी से और जल्दी से नवीनतम आर्थिक और वित्तीय समाचार, मुद्रा दरों, पहुंच चार्ट और बाजार विश्लेषण ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
Antares ब्रोकर टिकट्रेडर की विशेषताओं में शामिल हैं:
- विदेशी मुद्रा और नकद (एक्सचेंज) लाइव ट्रेडिंग खाते
- बाजार की गहराई (L2) के साथ वास्तविक समय विदेशी मुद्रा / क्रिप्टो / स्टॉक्स उद्धरण (30+ प्रतीक)
- बाजार और लंबित आदेशों के साथ मुख्य संचालन
- अपने खाते, परिसंपत्तियों, आदेशों और पदों की वास्तविक समय की ट्रैकिंग
- ट्रेडिंग इतिहास लॉग
- लाइव इंटरैक्टिव प्रतीक चार्ट
- तकनीकी विश्लेषण के लिए उपकरण (30+ संकेतक)
- ऐतिहासिक कीमतें
- विदेशी मुद्रा / विनिमय बाजार समाचार
- एंटारेस ब्रोकर समाचार
- स्वचालित / मैनुअल अपडेट