एक ट्रेडिंग खाता क्या है

- Opening Stock (प्रारंभिक रहतिया ) : वर्ष के शुरू में जो वस्तुएं बची होती है उसे Opening Stock कहा जाता है।
- Purchase (एक ट्रेडिंग खाता क्या है क्रय ) : व्यवसाय करने के लिए जो वस्तुएँ खरीदी जाती है उसे एक ट्रेडिंग खाता क्या है Purchase (क्रय) कहते हैं । Purchase में से Purchase Return को घटा लिया जाता है।
- Cost Of Purchase : वस्तु खरीद कर लाने मे जो खर्च होता है, उसे Cost Of Purchase कहा जाता है।
Trading Account (व्यापार खाता) बनाने के नियम क्या है ?
- Opening Stock (प्रारंभिक रहतिया ) : वर्ष के शुरू में जो वस्तुएं बची होती है उसे Opening Stock कहा जाता है।
- Purchase (क्रय ) : व्यवसाय करने के लिए जो वस्तुएँ खरीदी जाती है उसे Purchase (क्रय) कहते हैं । Purchase में से Purchase Return को घटा लिया जाता है।
- Cost Of Purchase : वस्तु खरीद कर लाने मे जो खर्च होता है, उसे Cost Of Purchase कहा जाता है।
Cost Of Purchase में निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जा सकता है :
- Coolie Charges (कुली खर्च)
- Freight (भारा)
- Carriage (भाड़ा या ढुलाई)
- Octroi Duty (चुंगी कर )
- Import Tax (आयत कर)
Cost Of Production में निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जा सकता है :
एक ट्रेडिंग खाता क्या है
Zerodha में ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने की फीस Rs.200 है । अकाउंट ऑनलाइन कैसे ओपन करना है, इसकी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिये ।
अगर आप MCX के कमोडिटी डेरिवेटिव्स अकाउंट में ट्रेड करना चाहते हैं, तो फिर आप इसे ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन होने के बाद हमारे बैकऑफिस Console से इनेबल कर सकते है ।
Console से कमोडिटी सेगमेंट इनेबल करने के लिए आप इस लिंक में क्लिक कीजिये और इसमें दिए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिये ।
कमोडिटी सेगमेंट को इनेबल करने की एक ट्रेडिंग खाता क्या है फीस Rs.100/- है जो की अकाउंट ओपन होने के बाद आपके लेजर/ledger से डेबिट कर ली जायेगी ।
नोट
1. यदि आपने कमोडिटी अकाउंट इनेबल करने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करते समय फीस दे दी है, तो फिर आपको Console से इनेबल करने के समय कोई फीस नहीं लगेगी ।
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What Is Trading Account ( व्यापार खाता ) In Accounting In Hindi
हेल्लो दोस्तों , कैसे है आप ? आज के इस लेख में हम बात करेंगे की एकाउंटिंग में ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? ( What Is Trading Account In Accounting In Hindi ) , यह कैसे बनाया जाता है तथा इसको बनाते समय हमें किन बातो का ध्यान रखना आवश्यक होता है ! तो आइये शुरू करते है Trading Account Meaning In Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai )
ट्रेडिंग अकाउंट वह अंतिम अकाउंट ( Final Account ) होता है जिससे हमें किसी व्यापार के बारे में यह पता चलता है कि एक निश्चित ट्रेडिंग अवधि में माल के क्रय ( Purchase ) , विक्रय ( Sales ) , प्रारंभिक रहतिया ( Opening Stock ) तथा अंतिम रहतिया ( Closing Stock ) कितना रहा , तथा क्रय और उत्पादन पर कितना खर्च हुआ और एक ट्रेडिंग खाता क्या है सकल लाभ ( Gross Profit ) अथवा सकल हानी ( Gross Loss ) कितनी हुई !
इस अकाउंट में माल सम्बन्धी खातो के बैलेंस दिखाए जाते है ! ट्रेडिंग अकाउंट एक ट्रेडिंग खाता क्या है दो हिस्सों में तैयार किया जाता है ! बाया हिस्सा डेबिट ( Debit ) साइड तथा दाया हिस्सा क्रेडिट ( Credit ) साइड कहलाता है ! डेबिट साइड में जो माल ख़रीदा जाता है उसे दिखाया जाता है जबकि क्रेडिट साइड में जो माल बेचा जाता है उसे दिखाया जाता है ! इस अकाउंट का शेष डेबिट या क्रेडिट दोनों तरह का हो सकता है ! इस खाते में क्रेडिट बैलेंस लाभ ( Profit ) प्रकट करता है जबकि डेबिट बैलेंस हानी ( Loss ) को प्रकट करता है ! ट्रेडिंग अकाउंट , लाभ – हानी खाते एक ट्रेडिंग खाता क्या है का ही एक भाग माना जाता है ! अतः इस अकाउंट का शीर्षक ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट लिखा जाता है !
Trading Account Format
ट्रेडिंग अकाउंट के डेबिट पक्ष में निम्न हैड आते है –
प्रारंभिक रहतिया ( Opening Stock ) : वर्ष के प्रारंभ में जो माल पिछले वर्ष का बचा हुआ होता है , वह ओपनिंग स्टॉक कहलाता है ! इसमें जब व्यापार को प्रारंभ किया जाता है तब प्रथम वर्ष में कोई ओपनिंग स्टॉक नहीं होता है !
क्रय ( Purchase ) : पुनः परचेस के लिए अथवा उत्पादन में प्रयोग के लिए जो माल नगद या उधार में ख़रीदा जाता है उसे Purchase कहते है ! यदि ख़रीदे हुए माल में से कुछ माल रिटर्न कर दिया जाता है तो उसे Purchase Return कहते है ! यदि कुछ माल दान में दिया जाता है या निजी खर्च हेतु निकल लिया जाता है तो उसे कुल ख़रीदे हुए माल में से घटा दिया जाता है !
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के चार्ज
डीमैट और रीमैट चार्ज
शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.
इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।
Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?
A. जी हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.
Q.क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?
A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।
यह छोटा सा काम करके एक ट्रेडिंग खाता क्या है शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों
नोएडा. हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।