लहर मूल्य विश्लेषण

भारत में बहुत से कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स मुख्य रूप से बाजार आधारित हैं, जहां ई-कॉमर्स कंपनियां ताजे और ऑर्गेनिक फल और सब्जियां सीधे किसानों लहर मूल्य विश्लेषण से खरीद कर बिक्री करती हैं लेकिन हाल में बहुत से स्टार्टअप्स ने किसानों की कठिनाइयों के अभिनव और टिकाऊ समाधान प्रदान करने शुरू किए हैं। स्टार्टअप्स अब बायो गैस संयंत्र, सौर ऊर्जा चालित प्रशीतन गृह, बाड़ लगाने और पानी पम्प करने, मौसम का पूर्वानुमान करने, छिडक़ाव करने वाली मशीन, बुआई की मशीन और वर्टिकल फार्मिंग जैसे समाधानों से किसानों को आय बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
डेली अपडेट्स
यह एडिटोरियल दिनांक 31/05/2021 को द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख “Catching the New Tech Wave” पर आधारित है। इस एडिटोरियल में दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते महत्व के बारे में चर्चा की गई है। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई है कि डिजिटल क्रांति के आगामी चरण में दुनिया के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने के लिये भारत को इसे स्वीकार करने की आवश्यकता क्यों है?
वर्ष 2008 में बिटकॉइन के निर्माण के साथ आज की तारीख तक क्रिप्टोकरेंसी लहर मूल्य विश्लेषण ने दुनिया भर में अपनी जगह बनाई है। जनवरी 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र में लाभ आश्चर्यजनक हैं। ज्ञातव्य है कि "क्रिप्टोमार्केट" में 500% से अधिक की वृद्धि हुई।
- हालाॅंकि 2018-19 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
- इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत डिजिटल क्रांति के अब तक सभी चरणों को देर से अपनाने वाला रहा है चाहे वो अर्द्धचालक या इंटरनेट या फिर स्मार्टफोन।
- अतः अब इन आभासी मुद्राओं पर विचारों को बदलने एवं उन्हें स्वीकृति देने की आवश्यकता है क्योंकि ये भारत की डिजिटल क्रांति के नए चरण में प्रवेश करने की दिशा में भारत का पहला कदम होगा।
क्रिप्टोकरेंसी का महत्त्व:
- भ्रष्टाचार की रोकथाम: चूंकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन प्रणाली अर्थात् पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर कार्य करती हैं, यह धन के प्रवाह और लेनदेन को ट्रैक करके भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करता है।
- समय प्रभावी : क्रिप्टोकरेंसी धन के प्रेषक और रिसीवर के लिये पर्याप्त समय बचाने में मदद कर सकती है क्योंकि यह पूरी तरह से इंटरनेट पर संचालित होता है। यह एक ऐसे तंत्र पर चलता है जिसमें बहुत कम लेनदेन शुल्क शामिल होता है और यह लगभग तात्कालिक होता है।
- लागत प्रभावी: बैंक, क्रेडिट कार्ड और पेमेंट गेटवे जैसे बिचौलिये अपनी सेवाओं के लिये $ 100 ट्रिलियन की पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था से लगभग 3% शुल्क के रूप में लेते हैं।
- इन क्षेत्रों में ब्लॉकचेन को एकीकृत करने से सैकड़ों अरबों डॉलर की बचत हो सकती है।
आगे की राह
- विनियमन ही समाधान: गंभीर समस्याओं को रोकने के लिये एवं यह सुनिश्चित करने के लिये कि क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग न हो तथा निवेशकों को अत्यधिक बाजार अस्थिरता और संभावित घोटालों से बचाने के लिये विनियमन की आवश्यकता है।
- विनियमन को स्पष्ट, पारदर्शी, सुसंगत और इस दृष्टि से अनुप्राणित होने की आवश्यकता है कि उसका उद्देश्य क्या है।
- मजबूत केवाईसी मानदंड: क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय सरकार कड़े केवाईसी (Know Your Customer) मानदंडों, रिपोर्टिंग और कर योग्यता को शामिल करके क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को विनियमित करेगी।
भारत वर्तमान में डिजिटल क्रांति के अगले चरण के शिखर पर है और अपनी मानव पूंजी, विशेषज्ञता और संसाधनों को इस क्रांति में शामिल कर इसके नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सकता है। इसके लिये केवल नीति निर्धारण को ठीक करने की आवश्यकता है।
उन्नत डिजाइन और विश्लेषण समूह
सीएसआईआर-सीएमईआरआई में 'उन्नत डिजाइन एवं विश्लेषण समूह (एडीएजी)' डिजाइन और विश्लेषण के क्षेत्रों में कार्यरतल है, जो यांत्रिक प्रणाली और डिजाइन प्रक्रिया की समझ के लिए विज्ञान को एकीकृत करता है, इसमें औद्योगिक, सामाजिक और सामरिक जरूरतों को पूरा करने वाले अनुप्रयोगों के विकास शामिल हैं।
समूह की क्षमताएं और अनुभव डिज़ाइन और विश्लेषण में है, जिसमें एक्सेलेरेटर फिजिक्स, एयरोस्पेस, मोटर वाहन, बायोमैकेनिक्स, विशेष उद्देश्य की मशीनें, विनिर्माण, रासायनिक और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं हैं। समूह के पास औद्योगिक और अनुसंधान परियोजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापक अनुभव है और इसने प्रयोगशाला के लक्ष्य और अधिदेश के अनुसार सफल परिणाम देने के लिए कई शैक्षणिक और औद्योगिक भागीदारों के साथ काम किया है।
कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स की एक नई लहर
23 जून 2022, नई दिल्ली । कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स की एक नई लहर – कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक स्तंभ है, यहां की 54 प्रतिशत आबादी कृषि पर सीधे निर्भर है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका हिस्सा करीब 19 (21) प्रतिशत है। हालांकि भारत में कृषि की पिछले कुछ वर्षों में सतत प्रगति हुई है लेकिन इस क्षेत्र में युवा, ताजा और अभिनव विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं किया गया।
कृषि तकनीकी से जुड़े स्टार्टअप्स भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मोदी सरकार द्वारा भारतीय कृषि के समक्ष उत्पन्न- आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, पुराने पड़ चुके उपकरणों के इस्तेमाल, अनुचित संरचना और किसानों की विभिन्न बाजारों का आकलन करने में अक्षमता- जैसी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नीतिगत माहौल प्रदान किए जाने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में भारत में कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स की एक नई लहर आई है। युवा उद्यमी अब आईटी सेक्टर और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की अपनी नौकरियां छोडक़र अपने खुद के स्टार्टअप स्थापित कर रहे हैं। इन युवा उद्यमियों ने अब इस तथ्य को महसूस करना शुरू कर दिया है कि कृषि में निवेश करना बहुत सुरक्षित और लाभकारी व्यापारों में से एक है।
पृथ्वी प्रणाली विवर्तनिक फलकों की गतिकी, क्रोड-प्रावार क्रमिक विकास, भूदृश्य क्रमिक विकास की सतही प्रक्रियाएँ, जलीय चक्र, जलवायु परिवर्तन जैसे सभी स्थानगत एवं कालगत पैमानों पर एक गतिशील प्रणाली है। इन जटिल और परस्पर संबद्ध क्रियाविधियों का प्रतिरूपण ही भूवैज्ञानिक के लिए अंतिम चुनौती है, ये ही हमारे निवासी ग्रह के भविष्य की भविष्यवाणी करने का सामर्थ्य रखेंगे। किसी भी भौतिक प्रक्रिया के गणितीय सूत्रीकरण में विभिन्न जटिल समीकरण शामिल होते हैं, जिनका हल वांछित समाधानों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विश्लेषणात्मक और या संख्यात्मक तकनीकों का उपयोग करते हुए किया जा सकता है, जिसे भौतिक परिघटनाओं के शब्दों में विश्लेषण किया जा सकता है। इन समीकरणों में विभिन्न प्रकार के संकारक शामिल होते हैं जैसे अवकल, समाकल, अपसरण आदि। इन अवकल समीकरणों का समाधान पाने के लिए निर्धारणात्मक एवं प्रसंभाव्य विधियों का उपयोग करके इनका हल किया जा सकता है। निर्धारणात्मक अवकल समीकरण तब उत्पन्न होते हैं जब पैरामीटर निश्चितता के साथ मालूम हैं, जबकि प्रसंभाव्य अवकल समीकरण वे हैं, जिसमें उनके पैरामीटरों में यादृच्छिकता शामिल होती है।
आपका स्वागत है
मै समझता हूँ कि आप के द्वारा हमारे संस्थान की वेबसाइट के अवलोकन का उद्देश्य तकनीक और तकनीकी समाधानों के संदर्भ में हमारी विशेषज्ञता, प्रशिक्षण/कौशल सहित हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाएं, मानव संसाधन विकास के अवसर, संस्थान द्वारा किए जा लहर मूल्य विश्लेषण रहे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नवीन अनुसंधान, संस्थान का बौद्धिक मूल्यांकन या संभवतः हमारे जैसे सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों के विज्ञान एवं अनुसंधान परिदृश्य का अध्ययन करने की ललक जैसे अनेकों कारणों से किया जा रहा होगा ।
सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई समुद्री संसाधनों के क्षेत्र में कार्यरत देश के प्रमुख संस्थानों में से एक है। शोध के हमारे प्रमुख क्षेत्रों में नमक व समुद्री रसायन, मेम्ब्रेन आधारित विलवणीकरण और पृथक्करण प्रक्रियाएं, समुद्रीय कार्बनिक रसायनों के लिए उत्प्रेरण, विशिष्ट अकार्बनिक पदार्थ, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट से धन निर्माण प्रक्रियाएं शामिल हैं। हम समुद्रीशैवाल, सूक्ष्मशैवाल और हेलोफाइट्स-उनकी कृषि एवं डाउनस्ट्रीम प्रसंस्करण पर विशेष जोर देते हुए पादप आणविक जीवविज्ञान और जैवप्रौद्योगिकी पर भी गहन शोध करते हैं। हम मूल्य पुनःप्राप्ति के लिए लवणीय अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा स्थायी नवाचारों के माध्यम से मानव संसाधन के निर्माण के लिए पर भी गहन शोध करते हैं, जो एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के प्रयास के साथ बड़े पैमाने पर समाज और राष्ट्र की भलाई को पोषित करता है।