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किस समय सीमा को चुनना है?

किस समय सीमा को चुनना है?
केरल को 2 साल के लिए आपदा उपकर लगाने की अनुमति
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए राज्य में एक प्रतिशत ‘आपदा’ उपकर लगाने की अनुमति दे दी है. केरल में पिछले साल भयंकर बाढ़ से जानमाल का काफी नुकसान हुआ. राज्य में पुननिर्माण एवं पुनर्वास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए राज्य सरकार उपकर लगाने की मांग कर रही थी.

क्या कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों का सदस्य बन सकता है?

हाल के चुनावों में जीतने वालों में से कुछ प्रत्याशी एक से अधिक निर्वाचन किस समय सीमा को चुनना है? क्षेत्र से चुने गए थे; कुछ पहले से ही राज्यसभा या किसी राज्य की विधायिका के सदस्य थे। अतः इन सांसदों को अपने एक पद से इस्तीफा देना होगा क्योंकि संविधान के तहत, एक व्यक्ति संसद के दोनों सदनों (या राज्य विधानमंडल), या संसद और राज्य विधानमंडल दोनों का सदस्य नहीं हो सकता है, या किसी सदन में एक से अधिक सीटों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।

इसे प्रभावी बनाने की प्रक्रियाएँ और समयसीमा क्या है?

लोकसभा और राज्यसभा:

  • यदि कोई व्यक्ति राज्यसभा और लोकसभा दोनों के लिए एक साथ चुना जाता है, और यदि वह अभी तक दोनों सदनों में से किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, तो वह चुनी गई तिथि से 10 दिनों के भीतर उस सदन किस समय सीमा को चुनना है? का सदस्य बन सकता है, जिसका सदस्य बनने की वह इच्छा रखता है। [जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 68(1) के साथ संविधान का अनुच्छेद 101(1)
  • सदस्य को भारत के चुनाव आयोग (ECI) के सचिव को 10 दिनों के भीतर लिखित रूप में अपनी पसंद से अवगत कराना होगा, ऐसा करने पर इस अवधि के अंत में राज्यसभा या लोकसभा में उसका स्थान रिक्त हो जाएगा [Sec 68(2), RPA 1951]। सदस्य द्वारा एक बार चुना जाने वाला विकल्प अंतिम होता है। [Sec 68(3), RPA, 1951]
  • हालाँकि किसी ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसा कोई विकल्प मौजूद नहीं है, जो पहले से ही किसी सदन का सदस्य हो और जिसने अन्य सदन की सदस्यता लेने के लिए चुनाव लड़ा हो। अतः यदि एक राज्यसभा सदस्य चुनाव लड़ता है और लोकसभा चुनाव जीत जाता है तो उच्च सदन में उसका स्थान उस दिन से स्वतः ही रिक्त हो जाएगा जिस दिन वह लोकसभा के लिए चुना जाता है। यही नियम एक लोकसभा सदस्य के लिए भी लागू होता है जो राज्यसभा में चुनाव लड़ता है। [Sec 69 read with Sec 67A, RPA 1951]

छोटे कारोबारियों को मिली GST Council ने दी बड़ी राहत, अब इन्‍हें भी मिली GST से छूट

GST Council (वस्‍तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है.

छोटे कारोबारियों किस समय सीमा को चुनना है? को GST में बड़ी राहत (फोटो: Reuters)

GST Council (वस्‍तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा, अब 1.5 रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां 1% की दर से GST भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी. यह व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. पहले 1 करोड़ रुपये तक के कारोबार पर यह सुविधा प्राप्त थी.

क्या कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों का सदस्य बन सकता है?

हाल के चुनावों में जीतने वालों में से कुछ प्रत्याशी एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे; कुछ पहले से ही राज्यसभा या किसी राज्य की विधायिका के सदस्य थे। अतः इन सांसदों को अपने एक पद से इस्तीफा देना होगा क्योंकि संविधान के तहत, एक व्यक्ति संसद के दोनों सदनों (या राज्य विधानमंडल), या संसद और राज्य विधानमंडल दोनों का सदस्य नहीं हो सकता है, या किसी सदन में एक से अधिक सीटों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।

इसे प्रभावी बनाने की प्रक्रियाएँ और समयसीमा क्या किस समय सीमा को चुनना है? है?

लोकसभा और राज्यसभा:

  • यदि कोई व्यक्ति राज्यसभा और लोकसभा दोनों के लिए एक साथ चुना जाता है, और यदि वह अभी तक दोनों सदनों में से किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, तो वह चुनी गई तिथि से 10 दिनों के भीतर उस सदन का किस समय सीमा को चुनना है? सदस्य बन सकता है, जिसका सदस्य बनने की वह इच्छा रखता है। [जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 68(1) के साथ संविधान का अनुच्छेद 101(1)
  • सदस्य को भारत के चुनाव आयोग (ECI) के सचिव को 10 दिनों के भीतर लिखित रूप में अपनी पसंद से अवगत कराना होगा, ऐसा करने पर इस अवधि के अंत में राज्यसभा या लोकसभा में उसका स्थान रिक्त हो जाएगा [Sec 68(2), RPA 1951]। सदस्य द्वारा एक बार चुना जाने वाला विकल्प अंतिम होता है। [Sec 68(3), RPA, 1951]
  • हालाँकि किसी ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसा कोई विकल्प मौजूद नहीं है, जो पहले से ही किसी सदन का सदस्य हो और जिसने अन्य सदन की सदस्यता लेने के लिए चुनाव लड़ा हो। अतः यदि एक राज्यसभा सदस्य चुनाव लड़ता है और लोकसभा चुनाव जीत जाता है तो उच्च सदन में उसका स्थान उस दिन से स्वतः ही रिक्त हो जाएगा जिस दिन वह लोकसभा के लिए चुना जाता है। यही नियम एक लोकसभा सदस्य के लिए भी लागू होता है जो राज्यसभा में चुनाव लड़ता है। [Sec 69 read with Sec 67A, RPA 1951]

खुशखबरी! WhatsApp पर जब चाहे तब Delete कर सकेंगे अपना भेजा हुआ Message, नहीं रहेगी टाइम की पाबंदी

खुशखबरी! WhatsApp पर जब चाहे तब Delete कर सकेंगे अपना भेजा हुआ Message, नहीं रहेगी टाइम की पाबंदी

WhatsApp अपने यूजर्स को जोड़े रखने के लिए बेहतरीन फीचर्स लाता रहता है और साथ ही पुराने फीचर्स को भी अपग्रेड करने की कोशिश करता रहता है। इसी कड़ी में WhatsApp अब अपने चार साल पुराने 'डिलीट फॉर एवरीवन' फीचर को अपडेट कर रहा है। बता दें कि अभी तक डिलीट फॉर एवरिवन फीचर के इस्तेमाल से आप 68 मिनट तक मैसेज को डिलीट फॉर एवरीवन कर सकते हैं। अब व्हाट्सऐप इस समय सीमा खत्म कर रहा है यानी की आप जब चाहे अपना भेजा हुआ मेसेज डिलीट कर सकते हैं।

WhatsApp के अपडेट से जुड़े फीचर्स की जानकारी देने वाले प्लेटफार्म WABetaInfo द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में, एंड्रॉयड इंटरफेस पर ये फीचर नजर आता हुआ दिखाई देगा, साथ ही एक डायलॉग बॉक्स भी शो है जो यूजर्स को यह चुनने के लिए कहेगा कि क्या वे मेसेज को केवल अपने लिए या चैट में सभी के लिए डिलीट करना चाहते हैं। स्क्रीनशॉट में दिखा रहा मेसेज तीन महीने पुराना है और इसके पीछे की चैट 23 अगस्त की तारीख दिखाती है, जो व्हाट्सऐप द्वारा 'डिलीट फॉर एवरीवन' फीचर की वर्तमान समय सीमा से कहीं अधिक है।

कैश में करने जा रहे हैं भुगतान! इन किस समय सीमा को चुनना है? बातों का रखें खास ध्यान, भरना पड़ सकता है जुर्माना

Cash Payment: आयकर कानून के तहत नकद लेन-देन की जो अधिकतम सीमा तय की गई है, उससे अधिक का भुगतान अगर आप कैश में करते हैं तो आपको परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.

कर्ज की स्थिति में मात्र 20000 रुपये तक नकद में लेन-देन कर सकते हैं.

सरकार देश में कालेधन पर रोक लगाने और डिजिटल माध्यम से लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नकद लेन-देन या भुगतान की सीमा को कम करने पर जोर देती रही है. हाल में एक तय सीमा से अधिक कैश भुगतान को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने लोगों के लिए चेताया भी था. आयकर कानून के तहत नकद लेन-देन की जो अधिकतम किस समय सीमा को चुनना है? किस समय सीमा को चुनना है? सीमा तय की गई है, उससे अधिक का भुगतान अगर आप कैश में करते हैं तो आपको परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.

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